इंदौर। प्रदेश के सात शहरों में लोक निर्माण विभाग नए रेस्ट हाउस बनाएगा। इसके लिए विभाग ने इंदौर, होशंगाबाद, जबलपुर, मुरैना, आगर-मालवा, नरसिंहपुर और धार में भूमि का चयन कर लिया है। विभाग ने तय किया है कि वह अपनी ऐसी परिसंपत्ति, जो दूसरे उपयोग में आ सकती हैं, उन्हें लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग की पंजी में दर्ज कराएगा। इसके लिए सभी मुख्य अभियंता, अधीक्षण और कार्यपालन यंत्रियों को भविष्य की जरूरत के हिसाब से परिसंपत्तियों की उपयोगिता को देखते हुए सूची तैयार करने के लिए कहा गया है।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि परिसंपत्तियों को तीन श्रेणियों में बांटा जा रहा है। पहली श्रेणी में वह संपत्ति रखी जाएगी जो संभाग और जिला मुख्यालय में स्थित होगी। दूसरी श्रेणी में महत्वपूर्ण शहर और तीसरी श्रेणी में अन्य शहरों में स्थित परिसंपत्तियों को रखा जाएगा। दरअसल, मध्यप्रदेश में लोक परिसंपत्ति विभाग का गठन होने के बाद सभी विभागों से उन परिसंपत्तियों की जानकारी एकत्र कराई जा रही है, जो उनके लिए अनुपयोगी हैं।
लोक निर्माण विभाग ने भी अपनी परिसंपत्तियों का रिकॉर्ड तैयार करना शुरू कर दिया है। नए विश्रामगृह के निर्माण के लिए पुराने विश्रामगृहों की भूमि का ही चयन किया है। विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय किया गया है कि सभी विश्रामगृह में एकरूपता के लिए एक जैसी डिजाइन रखी जाएगी।
दो वीआइपी स्यूइट के अलावा चार कक्ष रहेंगे
नए विश्रामगृह में दो सौ व्यक्तियों के कैंप के लिए पर्याप्त जगह के साथ पार्किंग, दो वीआइपी स्यूइट, चार कक्ष, 20 व्यक्तियों के बैठने के लिए बड़ा कक्ष रहेगा। ड्राइंग रूम, डाइनिंग रूम, किचन के साथ भविष्य की जरूरत के हिसाब से निर्माण कार्य कराया जाएगा।
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