खंडवा। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) शनिवार को मध्य प्रदेश के खंडवा पहुंचे। यहां उन्होंने अपनी पार्टी के समर्थन में जनता से वोट मांगे और भाजपा-कांग्रेस को जमकर कोसा। ओवैसी ने मंच पर पहुंचकर सबसे पहले सभा में पहुंचे लोगों के लिए कहा कि यहां मौजूद हजारों की तादाद में अवाम का होना बताता है कि खंडवा में, मध्य प्रदेश में नया सियासी इंकलाब लिखा जाएगा।
ओवैसी ने कहा कि खंडवा (Khandva) में हमारी मजलिस के 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। मेयर के लिए भी हमने उम्मीदवार उतारा है। ओवैसी ने कहा कि किसी कौम के लिए 50 साल लंबा अरसा होता है। आपने 50 सालों से दूसरी पार्टियों का साथ दिया। हमने ज्यादातर कांग्रेस का साथ दिया, ये समझकर कि कांग्रेस हमारे मसले हल करेगी। हमने कांग्रेस को वोट दिया इस उम्मीद में कि हमारे मददगाहों की हिफाजत होगी। हमने दूसरी पार्टियों को वोट दिया कि हमाने बच्चों की तालीम का इंतजाम किया जाएगा। एआईएमआईएम के महापौर और पार्षद पद प्रत्याशियों के लिए आमसभा में ओवैसी ने कहा कि मेरे दोस्तों मैं कहना चाहता हूं कि याद रखिए इस बात को कि हममें इतनी ताकत नहीं है कि हम किसी पार्टी को सत्ता में आने से रोक सकें, पर हममें इतनी ताकत जरूर है कि हम एक होकर वोट करके अपने नुमांइदों को कामयाब कर सकते हैं, उन्हें मध्य प्रदेश की विधानसभा में भेज सकते हैं। ताकि आपके मसलों की आवाज बुलंद हो सके।
ओवैसी ने कहा कि कल तक मजलिस मध्य प्रदेश में नहीं थी तो आपको वो बूढ़ी कांग्रेस का साथ देना पड़ता था। हमारी पार्टी मध्य प्रदेश में कांग्रेस-बीजेपी नहीं चलने देगी। मुझे लगता है कि मध्य प्रदेश में तीसरे विकल्प का स्कोप है। और हमारी पार्टी प्रदेश में तीसरी ताकत बनकर उभरेगी। ओवैसी ने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि भाजपा से, प्रदेश के मुख्यमंत्री से, कमलनाथ से कि आप मुझ पर तो उंगली उठाते हैं, मुझ पर तो आरोप लगाते हैं।
भारत में किसी सियासतदार पर सबसे ज्यादा आरोप लगते हैं तो उसका नाम असदुद्दीन ओवैसी है। मुझे इल्जाम की परवाह नहीं हैं, अगर मैं सवाल कर रहा हूं कि अगर पहली से 12वीं जमात तक एक करोड़ 60 लाख बच्चे इनरोल हैं तो बताओ उसमें मुस्लिम अल्पसंख्यक का कितना पर्सेंटेज है। तो आपको जानकर हैरत होगी कि अगर 7 प्रतिशत मुस्लिम आबादी प्रदेश में है तो बमुश्किल 4 प्रतिशत आबादी ही पहली से 12वीं की जमात में पढ़ते हैं, तो क्या इसका जिम्मेदार मैं हूं। किसने आपसे कहा था कि मुसलमान के बच्चों को तालीम मत दिलाओ, किसने आपसे कहा था मुसलमान के मोहल्लों में स्कूल को मत खोलो। मैं कहना चाहता हूं कि हम यहां आए है तो मेरे नौजवानों हम तुम्हारे लिए आए हैं, तुम्हारा हक दिलाने के लिए आए हैं। हम चाहते हैं कि मध्य प्रदेश के सियासत में आपको आपका हक मिले।
ओवैसी ने प्रदेश में चल रहे बुलडोजर को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रदेश में कानून है तो एक महीने का नोटिस मिलना चाहिए अगर अवैध निर्माण है। मगर नहीं आप अखबार, मीडिया में कह देते हैं कि यहां से पत्थर फेंके गए थे इसलिए हम इस घर को तोड़ देंगे। याद रखो सत्ता कभी इंदिरा गांधी के पास नहीं रही, राजीव गांधी के पास नहीं रही, अटल बिहारी वाजपेयी के पास नहीं रही तो सुन लो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री तुम्हारे पास भी हमेशा सत्ता नहीं रहेगी, तुमसे भी सत्ता छीन ली जाएगी।
हमेशा ताकत किसी के पास नहीं रहती, पर जब ताकत आपके पास है, तब ताकत के नशे में चूर होकर कमजोरों पर जुल्म करना बहादुरी नहीं है। कमजोरों के घरों को तोड़ना तुम्हारी ताकत नहीं है, बल्कि ये तुम्हारी बुजदिली की निशानी है कि तुम कमजोरों के घर तोड़ रहे हो। हिम्मत है तो जाओ, उन बड़े-बड़े पूंजीपतियों के घरों को तोड़ो, उनकी तो ईंट को भी हाथ नहीं लगा सकते, तुम कमजोरों को देखकर उसके घर को बर्बाद कर रहे हो। मगर याद रखो जिस कमजोर को तुम कमजोर समझ रहे हो, वो अल्लाह की नजर में ताकतवर है।
ओवैसी ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि हम पर एक इल्जाम लगता है, कांग्रेस इल्जाम लगाती है कि मजलिस जहां से चुनाव लड़ती है, वहां से बीजेपी जीत जाती है। आप मुझसे पूछिए मध्य प्रदेश में पार्लियामेंट्री का इलेक्शन हुआ, यहां कांग्रेस क्यों हारी, मेरी वजह से। बताओ कमलनाथ जो फोन कर-कर के अपने चमचों से डराए, कमलनाथ वो डराने के दिन चले गए। अब हम तुमको डराने आए हैं। मध्य प्रदेश में भाजपा जीत गई, एमपी के इलेक्शन में ज्यादा सीट उनको आ गई। कमलनाथ का बेटा जीता न। बेटे को जिता दिए, पार्टी को हरा दिए। कमलनाथ तुमने बेटे को जिताया और पार्टी को हराया और जिम्मेदार हो गए ओवैसी। कमलनाथ तुम मिले हुए मोदी से, जब बेटा जीत सकता था तो पार्टी का नुमाइंदा क्यों नहीं जीता।
ओवैसी ने कहा कि मेरे दोस्तों कमलनाथ साहब को भूल जाइए, अब इनसे नहीं होने वाला है। नहीं होगा इनसे। कमलनाथ मुख्यमंत्री बने, 20 कांग्रेसी एमएलए मोदी की गोद में बैठकर चाय पी रहे हैं, और मैं जिम्मेदार हूं। क्या मैंने उनसे कहा था कि आओ गुलाबजामुन खाओ और भाग। सिंधिया भाग गए, मुझसे पूछकर गए थे क्या, या मुझे फोन किया था कि आपकी क्या राय है। कमलनाथ सब भाग रहे, आप भी कब भाग रहे बता दो हमको। सुन लो आरएसएस वालों, भाजपा वालों, सुन लो कांग्रेस वालों, ये पहली मर्तबा नहीं है, मैं बार-बार आऊंगा।
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