जयपुर। राजस्थान की राजनीति (Rajasthan politics) में सचिन पायलट (Sachin Pilot) का प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) के आवास पर जाकर मिलना नए सियासी समीकरण (new political equations) के संकेत दे रहे हैं। दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक मुलाकात प्रदेश के सियासी गलियारों में चर्चा का बन गई है। राजनीतिक विश्लेषक अलग-अलग मायने निकाल रहे हैं। कांग्रेस में समीकरण बदलने के तौर पर देख रहे हैं। आपकों बता दें गहलोत के लिए सड़कों पर खून बहा देने की बात कहने वाले प्रताप सिंह खाचरियावास से सोमवार को सचिन पायलट अचानक रात को उनके सिविल लाइंस स्थित आवास पर अचानक मिलने पहुंच गए थे। दोनों नेताओं के बीच करीब डेढ़ घंटे मुलाकात हुई।
हालांकि, इसकी भनक लगते ही सीएम गहलोत ने मंत्री खाचरियावास को अपने आवास पर तलब कर लिया। सीएम से मुलाकात के बाद मंत्री खाचरियावास ने कहा कि राजनीतिक बातें हुई है। जिनका खुलासा नहीं कर सकते। प्रदेश के राजनीतिक सियासी घटनाक्रम में गहलोत खेमे की ओर से सक्रिय भूमिका निभाने वाले प्रताप सिंह खाचरियावास कभी पायलट समर्थक माने जाते थे। दोनों नेताओं की मुलाकात को राजनीतिक विश्लेषक कांग्रेस में बदलते समीकरण के रूप में देख रहे हैं।
खाचरियावास बोले- राजनीतिक बातें हुई
जुलाई 2020 में राजनीतिक संकट में गहलोत कैंप में गए प्रताप सिंह खाचरियावास ने सचिन पायलट से मुलाकात पर कहा कि मुलाकात भजन कीर्तन के लिए हुई है। राजनीतिक बातें हुई है। जिनका ब्यौरा नहीं दे सकते हैं। सचिन पायलट से मुलाकात के बाद मंत्री राजेंद्र गुढ़ा के भी सुर बदल गए। प्रताप सिंह खाचरियावास को गब्बर सिंह और अमरीश पुरी बताने वाले राजेंद्र गुढ़ा ने खाचरियावास की तारीफों के पुल बांध दिए। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सचिन पायलट गहलोत कैंप में सेंध लगाने की मंशा से ही खाचरियावास से मिले। हालांकि, पायलट कितना कामयाब हो पाते है, यह देखना होगा। सीएम गहलोत ने मुलाकात पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन कुछ दिन पहले कहा था कि जब में राज्य में कोई नया मुख्यमंत्री आता है या स्थिति बनती है तो विधायक इधर-उधर के कमेंट करते हैं। मैं इसे बुरा भी नहीं मानता हूं। क्योंकि विधायकों के काम पड़ते हैं। मैं 102 विधायकों का आभारी रहूंगा। जिन्होंने मेरी सरकार को गिरने से बचाया था।
सचिन पायलट के खाचरियावस अहम क्यों
राजस्थान की राजनीति में प्रताप सिंह खाचरियावास दबंग नेता माने जाते हैं। बीजेपी के हमलों पर तीखा पलटवार खाचरियावास ही करते हैं। पूर्व सीएम भैरो सिंह शेखावत के परिवार से ताल्लुक रखने वाले प्रताप सिंह ने अपनी राजनीतिक करियर बीजेपी से शुरू किया था। लेकिन पारिवारिक अनबन और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से खींचतान के चलते कांग्रेस में शामिल हो गए थे। राजस्थान की सियासता में मंत्री खाचरियावास पायलट समर्थक माने जाते थे, लेकिन सीएम गहलोत ने मंत्री बनाकर पायलट कैंप में सेंध लगा दी थी। तब से खाचरियावास और पायलट के मधुर संबंध नहीं थे। सचिन पायलट का प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर जाकर मिलना प्रदेश में नए सियासी समीकरण के संकेत दे रहे हैं। सचिन पायलट कैंप गहलोत कैंप में सेंध लगाना चाहता है। इस काम को खाचरियावास ही कर सकते हैं। राजस्थान की राजनीति में गहलोत कैंप और पायलट कैंप के विधायक वक्त की नजाकत को देखते हुए पाला बदलते रहे हैं। 2020 में पायलट का साथ देने वाले मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीना खामोश है। मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने तो यहा तक कह दिया कि सीएम गहलोत अपना तीसरा कार्यकाल पूरा करेंगे।
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