नई दिल्ली। सरकारी कर्मचारी हों या निजी कंपनी में काम करने वाले लोग हों, सभी को छुट्टियों का इंतजार रहता है। कहीं सप्ताह में एक दिन की छुट्टी रहती है तो कहीं यह छुट्टी दो दिन की रहती है। हालांकि दुनियाभर के कई देशों ने छुट्टियों को बढ़ाने की प्रक्रिया पर काम शुरू किया है। इसी बीच चिली के राष्ट्रपति ने नया प्लान पेश किया है जिसके मुताबिक कर्मचारियों को सप्ताह में चालीस घंटे तक ही काम करना होगा। फिलहाल यह नियम 45 घंटे काम का है।
दरअसल, चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक की सरकार ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने एक विधेयक पारित करने के प्रयासों को फिर से शुरू किया है जो देश में काम के घंटे कम करेगा। इस प्लान का मकसद यह है कि काम करने के घंटों को 45 की बजाय 40 ही कर दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस पर काम काफी पहले हो जाना चाहिए थे लेकिन पिछली सरकार की वजह से इसमें देरी हुई।
मौजूदा राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक सरकार की प्रवक्ता कैमिला वैलेजो ने इस प्रस्ताव को पेश भी कर दिया है। राष्ट्रपति ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। असल में चिली के संविधान में एक प्रावधान है जिसमें राष्ट्रपति द्वारा अनिवार्य होने पर विधेयक पर विचार करने के लिए सभी सांसदों को मजबूर होना पड़ता है। ऐसे में संभावना है कि बहुत जल्दी यह कानून के रूप में सामने आएगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक बोरिक की सरकार द्वारा कई अन्य प्रस्तावों को भी पेश किया गया है जिसमें सार्वजनिक परिवहन ड्राइवरों और घरेलू कामगारों जैसे विशेष श्रेणियों के श्रमिकों के लिए काम के घंटों में कमी का संशोधन शामिल है। बोरिक ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में एक समारोह के दौरान कहा कि ये सुधार नए चिली के लिए आवश्यक हैं।
बोरिक ने कहा कि उनकी सरकार को उम्मीद है कि विधेयक पर मतदान होगा और दोनों विधायी सदनों द्वारा इसे जल्द से जल्द मंजूरी दी जाएगी। बता दें कि बोरिक चिली के सबसे युवा राष्ट्रपति है और वे नए संशोधनों की मुखालफत भी करते हैं।
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