नई दिल्ली। भारत में पहली बार वैज्ञानिकों को मलेरिया संक्रमण के नए म्यूटेशन का पता चला है। आशंका जताई जा रही है कि यह मरीजों में दवा प्रतिरोध की वजह से हो सकता है। भारतीय मरीजों में मिलने वाला यह बदलाव दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीकी देशों की तुलना में एकदम नया है।
शोधकर्ताओं ने यहां तक कहा है कि भारत में मलेरिया परजीवी की अपनी एक अनूठी आबादी है। ड्रग्स एंड ड्रग रेजिस्टेंस में प्रकाशित अध्ययन पुणे स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, कोलकाता स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन, विद्यासागर विश्वविद्यालय और पुणे के ही सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया है। इसमें 53 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई, जिसमें वायरस की आनुवंशिक संरचना और नए म्यूटेशन का पता चला है।
विशेष परजीवी मार्कर की पहचान हुई
शोधकर्ताओं का कहना है कि अध्ययन से भारत में मलेरिया के विशेष परजीवी मार्कर की पहचान हुई है, जिसका मुख्य कारण दवा प्रतिरोध हो सकता है। इससे रोगियों के उपचार में काफी मदद मिल सकती है। साथ ही, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के 2030 तक मलेरिया से मुक्ति पाने के लक्ष्य को सफल बनाने में मदद मिलेगी।
भारत में स्थिति
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