नई दिल्ली: आज के दिन सुबह से ही भारतीय कुश्ती संघ (WFI) काफी चर्चाओं में रहा है. इस मामले में सबसे बड़ा बयान खेल मंत्रालय (Sports Ministry) की ओर से आया. उन्होंने बड़ा फैसला लेते हुए नव निर्वाचित कुश्ती संघ (elected wrestling association) को भंग कर दिया. इसका मतलब है कि हाल ही में चुनाव जीतकर अध्यक्ष बनने वाले संजय सिंह निलंबित (Sanjay Singh suspended) हो गए हैं. इसके बाद एक बार फिर रेसलिंग से संन्यास ले चुकीं साक्षी मलिक और पूर्व WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह चर्चाओं में आ गए हैं. मगर इसी बीच इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) ने भी एक बड़ा फैसला करते हुए इस पूरे मामले में नया मोड़ ला दिया है.
IOA ने भारतीय कुश्ती संघ को लेकर एक नई एड हॉक कमेटी बनाने का ऐलान किया है. यह कमेटी 48 घंटे में बन जाएगी. इस कमेटी का काम WFI की हर दिन की गतिविधियों पर ध्यान रखना रहेगा. इसके बाद वो अपनी रिपोर्ट तैयार कर IOA को सौंपेगी. एडहॉक कमेटी का मतलब है किसी खास मुद्दे को सुलझाने के लिए बनाई गई अस्थायी कमेटी. आम तौर पर कार्यकारी नेतृत्व ही एडहॉक कमेटी बनाता है. लैटिन भाषा में, एडहॉक का मतलब होता है, ‘इसके लिए’. जबकि इंग्लिश में इसका मतलब ‘केवल इस मकसद के लिए’ होता है.
एडहॉक कमेटी का मुख्य काम होता है, खास सलाह और सुझाव देना. सलाह और सुझाव, कमेटी की स्थापना के मकसद और कर्तव्यों पर केंद्रित होने चाहिए. एडहॉक कमेटी में अलग-अलग पृष्ठभूमि और विषयों के लोग शामिल हो सकते हैं. जैसे- वकीलों, अकाउंटेंट और व्यावसायिक सलाहकारों की टीम. या फिर डॉक्टरों, नर्सों और चिकित्सा शोधकर्ताओं का ग्रुप. एडहॉक कमेटी सीमित समय के लिए और किसी खास मुद्दे को सुलझाने के लिए बनाई जाती है.
गुरुवार 21 दिसंबर को WFI का चुनाव संपन्न होने के बाद से लगातार विवाद जारी था. साक्षी मलिक ने संघ के इस चुनाव पर दुख जाहिर करते हुए प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान अपने जूते निकालकर मेज पर रख दिए थे और रेसलिंग से संन्यास का ऐलान कर दिया था. इसके बाद रविवार को जब मंत्रालय ने नव निर्वाचित संघ को भंग किया तो पूर्व पहलवान साक्षी मलिक की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि सरकार से कोई लड़ाई नहीं है. लड़ाई केवल एथलीट्स के लिए थी. मुझे बच्चों की चिंता है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved