नई दिल्ली । दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने नई शराब नीति (New Liquor Policy) वापस लेकर (Taking Back) 1 अगस्त से अगले 6 महीनों के लिए (For the Next 6 Months from 1st August) आबकारी नीति की पुरानी व्यवस्था (Old System of Excise Policy) को ही लागू कर दिया है (Have Applied) । दिल्ली की आबकारी नीति से संबंधित हालिया विवाद पर केजरीवाल सरकार ने यह फैसला लिया है, वहीं भाजपा इसे जानता की जीत बता रही है।
केजरीवाल सरकार ने पिछले साल अपनी नई आबकारी नीति लागू की थी, जिसके तहत निजी संचालकों को ओपन टेंडर से खुदरा शराब बिक्री के लाइसेंस जारी किए गए थे। अब तक, नई पॉलिसी लागू होने के बाद दिल्ली के 32 जोन में कुल 850 में से 650 दुकानें खुल चुकी हैं। उधर, एलजी वी.के. सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के बाद सीबीआई जांच की सिफारिश की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नई एक्साइज पॉलिसी में नियमों की अनदेखी कर टेंडर दिए गए।
भाजपा नेता मंजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “यह जानता की जीत है, केजरीवाल अपने पूंजीपतियों को दिल्ली के शराब के ठेकों का काम दिया था, जिसमें करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ। सीबीआई की जांच शुरू होने से सभी डरकर पीछे हटे और सरकार मजबूर हुई पुरानी नीति अपनाने को।”
वहीं भाजपा के अन्य नेताओं ने कहा, “दिल्ली भाजपा की बड़ी जीत हुई है, हमारा संघर्ष रंग लाया है जिसके चलते दिल्ली सरकार को विनाशकारी शराब नीति वापस लेनी पड़ी है। सीबीआई जांच के आदेश आते ही केजरीवाल सरकार ने वापस ली नई आबकारी नीति। मतलब साफ है, आप की नीति और नीयत दोनों खराब है।”
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