भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नए कृषि कानून किसानों की आर्थिक उन्नति में उपयोगी होंगे। मध्यप्रदेश में किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) अनुबंध मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 का प्रभावी क्रियान्वयन हो रहा है। मंडी के अलावा फसल को बेचने के वैकल्पिक उपायों का लाभ किसानों को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के सिंचाई रकबे में निरंतर वृद्धि की जाएगी। यह राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। भगवान के बाद मेरे लिए किसान है। वो धरती पर अन्न उगाता है। खून-पसीना एक करता है। हमारी व्यवस्था का केन्द्र बिन्दु है किसान। सिंचाई साधनों का विस्तार धरती पुत्र किसानों के लिए वरदान होता है। प्रदेश के सिंचाई रकबे को 65 लाख तक पहुंचाया जाएगा। प्रधानमंत्री किसानों की आय दोगुनी करना चाहते हैं। मध्यप्रदेश इस लक्ष्य को पूरा करने में सक्रिय रहेगा। मुख्यमंत्री सोमवार को मिंटो हॉल में सिंचाई योजनाओं के वर्चुअल लोकार्पण और भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
निरंतर बढ़ता सिंचाई रकबा
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकार्पित की गई योजनाओं की मंजूरी वर्ष 2016 और 2018 में दी गई थी। पूर्व में किए गए प्रयासों का परिणाम अब प्राप्त हो रहा है। योजनाएं समय पर शुरू हो पा रही हैं। आज जिन योजनाओं का लोकार्पण हो रहा है उनमें छिंदवाड़ा जिले की बंधानी जलाशय, केकड़ा जलाशय, झिरना बैराज, सांवलाखेड़ा बैराज, सेन्दूरजना जलाशय, पेंडोनी जलाशय की प्रशासकीय स्वीकृति वर्ष 2016 और 2018 में दी गई है। इन योजनाओं से 17 ग्रामों के करीब 01 हजार कृषक लाभान्वित होंगे। डेढ़ हजार से अधिक हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जा सकेगी। इन योजनाओं को पूरा करने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा समयबद्ध कार्रवाई की गई।
नए कानून करेंगे किसानों का कल्याण
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कुछ लोग नए किसान कानूनों का विरोध कर रहे हैं। नए कानून किसानों के लिए कल्याणकारी हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रहते किसानों के हितों से कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह स्पष्ट किया गया है कि नए कानूनों के तहत मंडी बंद नहीं होगी। किसान मंडी के बाहर भी उत्पादन बेच सकेगा। व्यापारी को उत्पादन बेचने पर उसे यदि अधिक मुनाफा होता है तो यह किसान का अधिकार होना ही चाहिए। इनमें किसको आपत्ति है? मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान अपना उत्पादन निर्यातक को भी बेच सकता है एवं निजी मंडी को भी। इसी तरह यह भी प्रावधान किया गया है कि क्रेता और विक्रेता के आपस में बोनी के समय हुए समझौते के बाद बाजार की स्थितियां बदलने पर क्रेता निर्धारित कीमत से कम में उत्पादन लेते हैं और इससे किसान को नुकसान हो रहा है तो ऐसे मामलों में सरकार की तरफ से एक्शन लिया जाएगा।
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