कोलंबो। आर्थिक संकटों (economic crises) का सामना कर रहे श्रीलंका (Sri Lanka) की भारत (India) लगातार मदद कर रहा है। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Prime Minister Ranil Wickremesinghe) ने मंगलवार को भारत की मदद के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि नई भारतीय क्रेडिट लाइन (indian credit line) जुलाई से अगले 4 महीनों के लिए ईंधन खरीदने में मदद करेगी। उन्होंने यह भी बताया कि 3,500 मीट्रिक टन की एलपीजी शिपमेंट श्रीलंका पहुंच गई है। इस शिपमेंट से गैस अस्पतालों, होटलों, श्मशानों आदि को दी जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया के मुताबिक, विक्रमसिंघे ने कहा कि अगला शिपमेंट चार महीने की अवधि के लिए एलपीजी वितरित करेगा। उन्होंने बताया कि वो शिपमेंट हमें मिलने में अभी 14 दिन लगेंगे। पीएम ने कहा कि श्रीलंका उन 14 दिनों के भीतर शिपमेंट को सुरक्षित करने के लिए बातचीत कर रहा है। उन्होंने बताया कि यह मौजूदा मांग का केवल 50 प्रतिशत ही पूरा करेगा। अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि ईंधन की निरंतर आपूर्ति हो।
विक्रमसिंघे ने कहा कि आर्थिक संकट के बीच बिजली उत्पादन, परिवहन और अन्य आवश्यक सेवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। ईंधन का मौजूदा स्टॉक अगले सात दिनों तक चलेगा। उन्होंने कहा कि 40,000 मीट्रिक टन ईंधन का शिपमेंट 16 जून तक श्रीलंका पहुंच जाएगा। विक्रमसिंघे ने कहा कि जुलाई के लिए दो ईंधन शिपमेंट खरीदे जाएंगे। भारत के साथ एक नई क्रेडिट लाइन जुलाई से अगले चार महीनों के लिए ईंधन खरीद में मदद करेगी।
विक्रमेसिघे ने कहा कि उन्होंने देश के लिए ईंधन और गैस की खरीद करने के लिए पैसे छापने के लिए कैबिनेट की मंजूरी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि हम डॉलर संकट के समाधान के लिए आईएमएफ से बात कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 7 जून को आईएमएफ के प्रबंध निदेशक से बात हुई थी। एक प्रतिनिधिमंडल 20 जून को श्रीलंका आएगा।
1948 में ब्रिटेन से आजादी के बाद से श्रीलंका वर्तमान में सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। आर्थिक संकट के कारण देश में भोजन, दवा, रसोई गैस और अन्य ईंधन, टॉयलेट पेपर और यहां तक कि माचिस जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो गई है। श्रीलंकाई लोगों को ईंधन और रसोई गैस खरीदने के लिए दुकानों के बाहर घंटों इंतजार करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। देश में पंपिंग स्टेशनों पर ईंधन भराने के लिए लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं।श्रीलंका का कुल विदेशी कर्ज 51 अरब डॉलर है।
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