नई दिल्ली। बीते 2 वर्षों से देशभर के अधिकांश राज्यों में स्कूली छात्रों (School-Colleges) की पढ़ाई ऑनलाइन (study online) माध्यमों पर आधारित थी. पर अब स्कूल खोले जा चुके हैं. दिल्ली में भी सभी कक्षाओं के लिए स्कूल खोलने की अनुमति (permission to open school) दे दी गई है. हालांकि अभी भी छोटे बच्चों की कक्षाएं ऑनलाइन (small kids classes online) ही चल रही है. इसी बीच बोर्ड परीक्षाओं (board exams) में शामिल होने वाले छात्रों के लिए अब केवल ऑफलाइन कक्षा का ही विकल्प रखा गया है।
1 अप्रैल से शुरू हो जाएंगी रेग्युलर क्लासेज
दिल्ली में जारी किए गए आदेश के मुताबिक बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों (School-Colleges) को अब ऑनलाइन कक्षा का विकल्प नहीं दिया जा रहा है. छोटी कक्षाओं के लिए भी ऑनलाइन शिक्षा केवल 31 मार्च तक ही रहेगी. 1 अप्रैल से अन्य कक्षाओं को भी ऑफलाइन मोड में लाया जाना है।
डीयू और जामिया भी शुरू हुई पढ़ाई
इसके अलावा दिल्ली यूनिवर्सिटी के सभी कॉलेजों में भी ऑफलाइन कक्षाएं शुरू हो चुकी है. डीयू के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया में भी बुधवार 2 मार्च से ऑफलाइन कक्षाओं की शुरूआत की गई. जामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने निर्देश जारी कर सभी शिक्षकों को यूनिवर्सिटी में आने को कहा है।
जामिया यूनिवर्सिटी के मुताबिक ऑफलाइन कक्षा के लिए कॉलेज आने वाले स्टूडेंट्स को कोरोना आरटी पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट दिखानी होगी. इसके बाद ही उन्हें यूनिवर्सिटी कैंपस में आने की अनुमति प्रदान की जा रही है।
शिक्षा मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Education Ministry) ने भी स्कूलों को फिर से खोलने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार कक्षा में मौजूद छात्रों के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखनी होगी। सभी छात्रों शिक्षकों एवं अन्य स्कूल कर्मियों को पूरे समय फेस मास्क पहने रहना होगा. स्कूलों में कोई ऐसा आयोजन नहीं किया जाएगा। जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करवाया जा सके. मिड डे मील के वितरण के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।
इस दौरान स्वच्छता का भी ध्यान रखना होगा। क्लास रूम के अलावा शिक्षकों के स्टाफ रूम, असेंबली एरिया, कॉमन एरिया में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. एक ही समय पर स्कूल के सभी बच्चों को एकत्र नहीं किया जाएगा बल्कि इसके लिए फ्लैक्सिबल टाइमिंग तय की जाएगी।
बसों को रेग्युलर सैनिटाइज करना जरूरी
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Education Ministry) के मुताबिक जिन स्कूलों में हॉस्टल की सुविधा है, वहां हॉस्टल में भी छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. छात्रों को स्कूल लाने ले जाने वाली बसों का नियमित रूप से सैनिटाइजेशन करना आवश्यक होगा।
शिक्षा मंत्रालय (Education Ministry) के मुताबिक आवश्यकता होने पर हॉस्टल में छात्रों के सोने के लिए नए सिरे से व्यवस्था की जानी चाहिए. यहां भी छात्रों के भी पर्याप्त सोशल डिस्टेंसिंग मौजूद होनी चाहिए. मंत्रालय का कहना है कि स्कूलों में छात्रों के लिए फिजिकल कक्षाएं शुरू की जा सकती है लेकिन इस दौरान छात्रों के भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।
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