इजरायल। इजरायल संसद में हुए मतदान के बाद कड़े विरोध के बीच 12 साल पुराने नेतन्याहू (netanyahu) के शासन का अंत हो गया। नई सरकार ने शपथ ली और बेनेट को प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। हालांकि नई सरकार (new government) के लिए चुनौतियां बहुत अधिक हैं और नेतन्याहू अपनी जल्द वापसी के लिए आश्वस्त हैं। ‘झूठे’ और ‘अपराधी’ के नारों के बीच पीएम-नामित बेनेट ने गठबंधन का दावा प्रस्तुत किया। ज्वाइंट लिस्ट एमके अहमद तिबी ने कहा कि नई सरकार गठबंधन की जगह ले रहे गठबंधन से भी ज्यादा दक्षिणपंथी (right winger) होगी।
वह कहते हैं कि लेकिन आज कुछ अच्छा भी हो रहा है अर्थात बेंजामिन नेतन्याहू का सत्ता से निष्कासन। खासकर अरब इजरायलियों (israelis) पर उनके निर्देशित “विभाजन और घृणा” के वर्षों के बाद। वे कहते हैं लेकिन विकल्प दक्षिणपंथी है, और सिर्फ दक्षिणपंथी। मैंने मनोनीत प्रधानमंत्री को सुना और उन्होंने बस्तियों को मजबूत करने की बात कही। उन्होंने नेगेव में विनियमन और संप्रभुता के बारे में बात की। वे कहते हैं, अरब इजरायल जानते हैं कि ये शब्द उन योजनाओं के लिए व्यंजना हैं जो दक्षिणी इज़राइल में बेडौइन (Bedouin) समुदायों को नुकसान पहुंचाएंगी। तिबी कहते हैं कि यह सरकार एक ऐसी सरकार है जिसका समर्थन नहीं किया जा सकता।
इसके दिशा-निर्देश सबसे अधिक समस्याग्रस्त हैं। यह अवैध निर्माण पर कामिनिट्ज(Kaminitz) कानून को स्थिर नहीं करता है। यह नेगेव में विध्वंस को नहीं रोकता है। उन्होंने कहा कि वह मंगलवार को ओल्ड सिटी के लिए निर्धारित दक्षिणपंथी “फ्लैग मार्च” (flag march) के बारे में चिंतित हैं, जो तनाव को भड़का सकता है और एक अदालत के आदेश के तहत शेख जर्राह में फिलिस्तीनी परिवारों को बेदखल कर सकता है। इजरायल के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण था। वहां की संसद में 12 साल से सत्ता में जमे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Prime Minister Benjamin Netanyahu) और नफ्ताली बेनेट के बीच मुकाबला था जिसमें बेनेट विजयी रहे। हालांकि यह तय माना जा रहा था कि नेतन्याहू के हाथ से सत्ता फिसल कर बेनेट की झोली में जा रही है जो 2023 तक इजरायल की बागडोर संभालेंगे। हालांकि उनके आलोचकों को ये आशंका है कि बेनेट के सत्ता में काबिज होने के बाद गाजा पट्टी विवाद गहरा जाएगा। क्योंकि वह नेतन्याहू से अधिक हार्डलाइनर माने जाते हैं।
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