- उज्जैन से पीथमपुर का सफर 90 मिनट से घटकर केवल 40 मिनट का रह जाएगा
- अहमदाबाद और मुंबई जाना होगा आसान-इस कॉरिडोर पर मिलेंगी अत्याधुनिक सुविधाएँ
उज्जैन। सरकार पीथमपुर और उज्जैन को जोडऩे के लिए नई फोरलेन सड़क बना रही है, जिससे 1150 गाँवों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा और क्षेत्र का विकास तेजी से होगा। औद्योगिक नगरी पीथमपुर को उज्जैन से जोडऩे के लिए केंद्र सरकार ने एक और बड़ी सौगात दी है। इसके तहत एक नई फोरलेन सड़क बनाई जाएगी, जो धार जिले में विकास के नए आयाम खोलेगी। इस फोरलेन सड़क में 4 जिले, 19 तहसील और 32 नगरीय क्षेत्र शामिल होंगे, जिससे 1150 गाँव सीधे इस नई सड़क से जुड़े सकेंगे। सरकार का यह कदम न सिर्फ पीथमपुर और उज्जैन को एक-दूसरे से जोड़ेगा बल्कि यातायात की सुविधा को भी सुगम बनाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए एनएचएआई को सर्वे के आदेश जारी कर दिए गए हैं और इस पर काम भी शुरू हो गया है।
इस फोरलेन के बनने से उज्जैन से पीथमपुर का सफर 90 मिनट से घटकर केवल 40 मिनट का रह जाएगा। इसके अलावा, इंदौर धार के पश्चिम क्षेत्र और एयरपोर्ट से भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। इस नई सड़क के बन जाने से उज्जैन से पीथमपुर जाने के लिए वाहन चालकों को अब इंदौर होकर घूमने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वर्तमान में उज्जैन से पीथमपुर जाने के लिए अरबिंदो से सुपर कॉरिडोर की ओर जाना पड़ता है। अब केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के निर्देश पर एनएचएआई इस सड़क के सर्वे की प्रक्रिया में जुट गया है। प्रारंभिक तौर पर यह फोरलेन मार्ग उज्जैन के चिंतामण, जवासिया से देवास-बदनावर हाईवे होते हुए कई गाँवों को पार कर पीथमपुर पहुँचेगा। इससे सफर 90 किमी से घटकर 57 किमी रह जाएगा। इस परियोजना के तहत न सिर्फ उज्जैन-पीथमपुर को जोड़ा जाएगा, बल्कि देवास-बदनावर फोरलेन को भी इस मार्ग से जोड़ा जाएगा। इससे बदनावर से सीधे रतलाम और राजस्थान से पीथमपुर तक कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे मुंबई जाने का मार्ग भी सुगम होगा। धार के आदिवासी क्षेत्र को विकास से जोडऩे के लिए सरकार ने इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर का भी प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें 17 गाँवों की 3200 एकड़ जमीन का खसरा प्लान भी जारी कर दिया गया है। इस परियोजना से न केवल व्यापार और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि यहाँ के लोगों को बेहतर यातायात और आर्थिक लाभ भी मिलेगा। इस कॉरिडोर पर फिनटेक सिटी, आईटी हब और हाईराइज मॉल्स जैसी सुविधाएँ विकसित की जाएँगी। 20 हजार करोड़ से अधिक का निवेश लाकर 30 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। इस इकोनॉमिक कॉरिडोर का एक सिरा धार के पीथमपुर में और दूसरा इंदौर के नैनोद में रहेगा। इस पूरे प्रोजेक्ट की कार्यवाही और दावे-आपत्तियों का निराकरण जल्द ही पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि जल्द से जल्द इस महत्वपूर्ण परियोजना को अमल में लाया जा सके।