लंदन । ब्रिटेन (Britain) के स्वास्थ्य सचिव मैट हैंकॉक (Health Secretary Matt Hancock) ने कहा है कि देश में कोरोना (Corona) वायरस के एक नए प्रकार की पहचान की गई है, जो इंग्लैंड के दक्षिण पूर्व इलाकों में काफी तेजी से फैल रहा है। उन्होंने सोमवार को हाउस ऑफ कॉमन्स में कहा कि कोरोना वायरस के इस नए प्रकार के अब तक 1000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
मैट हैंकॉक ने बताया कि यह वर्तमान में मौजूद कोरोना वायरस स्ट्रेन के मुकाबले काफी तेजी से फैल रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि फिलहाल हमारे पास ऐसे कोई सबूत नहीं हैं कि कोरोना वायरस के इस नए प्रकार पर वैक्सीन का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसका पहला मामला पिछले सप्ताह केंट में सामने आया था।
उन्होंने कहा, ‘अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं है जो यह बता सके कि वायरस का यह नया प्रकार ज्यादा गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। और, ताजा चिकित्सकीय सलाह के अनुसार इस बात की संभावना न के बराबर है कि कोरोना वायरस के इस नए प्रकार पर देश में लोगों को लगाई जा रही वैक्सीन का प्रभाव न पड़े।’
हैंकॉक ने कहा कि पोर्टान डाउन में स्थित केंद्र पर वैज्ञानिक इस पर अध्ययन कर रहे हैं। दूसरी और दक्षिणी इंग्लैंड में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उन्होंने घोषणा की कि लंदन और हर्टफोर्डशायर व एसेक्स के कुछ हिस्सों में बुधवार की मध्यरात्रि (स्थानीय समयानुसार) से कठिनतम तीसरे चरण के प्रतिबंध लागू किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों को अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि कोरोना के नए प्रकार का प्रसार कहां तक हुआ है। लेकिन, कुछ भी कारण हो, हमें तेज और निर्णायक फैसले लेने की जरूरत है। दुर्भाग्य से इस जानलेवा महामारी के प्रसार को रोकने के लिए यह बहुत ही जरूरी हो गया है जबकि वैक्सीन भी लगाई जा रही है।
ब्रिटेन ने इस संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को जानकारी दे दी है। यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर के वरिष्ठ क्लिनिकल लेक्चरर डॉ. भारत पंखानिया का कहना है कि मैं इस बात को लेकर काफी आश्वस्त हूं कि हमें कोरोना वायरस के इस नए प्रकार की वजह से अपनी वैक्सीन में कोई बदलाव नहीं करना पड़ेगा।
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