अब बिल्डिंग बन जाने के बाद पूर्णता प्रमाण-पत्र के साथ ही मिलेगी फायर एनओसी भी, जबलपुर हादसे के बाद विभागीय मंत्री ने दिए निर्देश
इंदौर। अभी जबलपुर (jabalpur) के निजी अस्पताल (private hospital) में हुए भीषण अग्निकांड (fire), जिसमें 8 लोगों की मौत भी हो गई, उसके बाद इंदौर सहित प्रदेशभर के अस्पतालों (hospitals) की फायर एनओसी (fire NOC) जांची जा रही है। दूसरी तरफ यह आश्चर्य का विषय है कि प्रदेश में अग्निशमन एक्ट ही लागू नहीं है और प्रोविजनल यानी अस्थायी एनओसी जारी की जाती है। हालांकि उस पर अब रोक लगा दी गई है और नगरीय विकास तथा आवास मंत्री ने दावा किया है कि जल्द ही नया अग्निशमन एक्ट (fire act) लागू किया जाएगा।
बहुमंजिला इमारतों (multi-storey buildings) से लेकर होटल, हॉस्पिटल, बैंक्वेट हॉल, सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल सहित अन्य सभी इमारतों के लिए अग्निशमन से संबंधित प्रावधानों का कड़ाई से पालन किया जाना अनिवार्य है, मगर मध्यप्रदेश में पिछले कई वर्षों से फायर एनओसी को लेकर हल्ला तो मचता रहा, मगर शासन ने ना तो सशक्त एक्ट बनाया और ना ही बिल्डरों से लेकर होटल, हॉस्पिटल या अन्य बिल्डिंगों के मालिकों के लिए आसानी से एनओसी हासिल करने का सिस्टम बनाया। नतीजतन एनओसी के नाम पर लाखों-करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार होता रहा है। अभी जबलपुर हादसे के बाद शासन की भी नींद खुली और अब विभागीय मंत्री का कहना है कि फायर अथॉरिटी की ओर से एक साल के लिए जो प्रोविजनल एनओसी दी जाती है, उसे अब बंद किया जा रहा है, बल्कि बिल्डिंग का निर्माण पूरा होने पर जिस तरह नगर निगम उसे भवनपूर्णता और अधिभोग प्रमाण-पत्र देता है, उसी तरह फायर अथॉरिटी द्वारा निरीक्षण करने के उपरांत फायर एनओसी भी दी जाएगी। इस संबंध में प्रमुख सचिव नगरीय विकास और आवास को निर्देश भी दिए हैं और अग्निशमन एक्ट को तैयार कर आगामी विधानसभा सत्र से उसे पारित करवाने का दावा भी मंत्री ने किया है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि मध्यप्रदेश में वर्तमान में कोई अग्निशमन एक्ट ही लागू नहीं है। नतीजतन इसको लेकर कई तरह की विसंगतियां उत्पन्न होती रही है। भूमि विकास नियम के तहत नगर निगमों के आयुक्त, संभागीय संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन से लेकर जिला कलेक्टरों को ग्रामीण क्षेत्रों और मुख्य कार्यपालन अधिकारी कंट्रोलमेंट बोर्ड को संबंधित क्षेत्रों के लिए फायर अथॉरिटी घोषित किया गया है। इंदौर के भी कई निजी अस्पतालों से लेकर सरकारी अस्पताल भी बिना फायर एनओसी के ही चल रही है। अभी 300 से अधिक छोटे-बड़े निजी अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस जारी कर अपनी एनओसी प्रस्तुत करने को कहा था, मगर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। लिहाजा स्वास्थ्य विभाग ने हफ्तेभर की मोहलत और बढ़ा दी।
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