महेश्वर सीट पर 35 हजार का अंतर तो सोनकच्छ में 10 हजार
इंदौर। 2018 के चुनाव में अपनी ही पार्टी के बागी उम्मीदवार के रूप में महेश्वर (Mahehwar) से चुनाव लड़े राजकुमार मेव (Rajkumar Mev) इस बार फिर टिकट लाने में सफल हो गए हैं। माना जा रहा है कि यह सीट फिर से भाजपा की झोली में आ सकती है, वहीं सोनकच्छ (Sonkatch) से राजेश सोनकर (Rajesh Sonkar) के लिए चुनाव लडऩा एक बड़ी चुनौती साबित होगा। हालांकि इस सीट पर अजा वोट ज्यादा हैं, लेकिन उनके साथ भितरघात होने की संभावना है, क्योंकि यहां से स्थानीय प्रत्याशी की मांग लगातार उठती रही है।
भाजपा ने सांवेर से राजेश सोनकर का टिकट काटकर तुलसी सिलावट को दिया और बदले में सोनकर को जिलाध्यक्ष बना दिया था, लेकिन अब एक बार फिर उन्हें सोनकच्छ विधानसभा से मौका दिया गया है, जहां पांच बार के विधायक सज्जनसिंह वर्मा हैं, जो कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं और एक बार सांसद भी। सज्जन कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में माने जाते हैं और चुनावी गणित के जोड़-घटाव में भी आगे रहते हैं। इसी को लेकर यहां से सोनकर का जीतना एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रहा है। हालांकि कल देर रात भाजपा के सोनकच्छ विधानसभा के पदाधिकारी भाजपा कार्यालय पहुंचे और सोनकर को भारी मतों से जिताने का आश्वासन देकर लौट गए, लेकिन सूत्रों का कहना है कि स्थानीय उम्मीदवार की मांग अभी भी वहां के भाजपाइयों में है। वर्मा ने पिछला चुनाव राजेंद्र वर्मा को 9 हजार 818 वोटों से हराया था। दूसरी ओर महेश्वर विधानसभा सीट को लेकर भी पिछली बार भाजपा ने मुंह की खाई थी, जब यहां से विधायक रहे राजकुमार मेव को टिकट नहीं दिया था तो उन्होंने बागी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया था और अपनी ही पार्टी के भूपेंद्र आर्य से ज्यादा वोट लाए थे। उस समय मेव को 47 हजार 251 वोट मिले थे तो आर्य 32 हजार 601 वोट ही ला पाए थे। हालांकि इस बार वे साधौ को बड़ी मात दे सकते हैं और यह सीट भाजपा की झोली में आ सकती है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved