नई दिल्ली (New Delhi) । Google क्रोम ब्राउजर (Google Chrome browser) में एक नया फीचर (new feature) शामिल किया गया है जो थर्ड-पार्टी कुकीज (cookies) को डिसेबल करता है. ये कुकीज दरअसल छोटी फाइल्स होती हैं जो आपके डिवाइस में स्टोर होती हैं. ये एनालिटिक डेटा कलेक्ट करती हैं, ऑनलाइन एड्स को पर्सनलाइज करती हैं और ब्राउजिंग को मॉनिटर भी करती हैं. शुरुआत में गूगल क्रोम ब्राउजर का ये फीचर 1 प्रतिशत ग्लोबल यूजर्स यानी करीब 30 मिलियन लोगों के लिए उपलब्ध होगा.
गूगल ने इस बदलाव को अभी टेस्ट फेज बताया है. वहीं, साल के अंत तक कुकीज को हटाने के लिए फुल रोलआउट का भी प्लान है. हालांकि, कुछ एवर्टाइजर का कहना है कि इसके परिणामस्वरूप उन्हें नुकसान होगा. गूगल क्रोम दुनिया का सबसे पॉपुलर इंटरनेट ब्राउजर है. इसके राइवल ब्राउजर्स जैसे Apple Safari और Mozilla Firefox में पहले से ही थर्ड-पार्टी कुकीज को ब्लॉक करने का ऑप्शन मिलता है. हालांकि, इनका इंटरनेट ट्रैफिक बेहद कम है.
गूगल ने कहा है कि रैंडम तरीके से सेलेक्ट किए गए यूजर्स से पूछा जाएगा कि क्या वे ज्यादा प्राइवेसी के साथ ब्राउजिंग करना चाहते हैं. गूगल के वाइस प्रेसिडेंट एंथोनी चावेज़ ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि हम Chrome से थर्ड पार्टी कुकीज को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिए एक जिम्मेदार अप्रोच अपना रहे हैं.
मिलेगा अस्थाई विकल्प
गूगल ने कहा कि अगर कोई साइट थर्ड-पार्टी कुकीज के बिना काम नहीं करती है और क्रोम नोटिस करता है कि आपको दिक्कत हो रही हैं. तो हम आपको उस वेबसाइट के लिए थर्ड-पार्टी कुकीज को अस्थायी रूप से री-इनेबल करने का ऑप्शन देंगे. गूगल का कहना है कि वो इंटरनेट को ज्यादा प्राइवेट बनाने के लिए काम कर रहा है. लेकिन कई वेबसाइटों के दृष्टिकोण से बात करें तो कुकीज विज्ञापन बेचने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं जिस पर वे निर्भर हैं.
कुकीज का इस्तेमाल यूजर्स के बारे में कई तरह के डेटा को रिकॉर्ड करने के लिए किया जा सकता है, जैसे:
– आप साइट पर क्या करते हैं?
– आप दुनिया में कहां हैं?
– आप कौन सा डिवाइस इस्तेमाल कर रहे हैं.
– आप बाद में कहां ऑनलाइन होते हैं?
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