डेढ़ से दो माह तक स्थिति देखेंगे, प्रयोग सफल रहा तो 70 गाड़ियां और बनाने का लक्ष्य
इंदौर। नगर निगम वर्कशॉप विभाग (Municipal Corporation Workshop Department) ने खटारा पड़ी गाड़ियों (Vehicles) का उपयोग करते हुए बैटरी ( Battery) से चलने वाली बड़ी कचरा गाड़ी (Garbage Cart) का निर्माण स्थानीय स्तर पर स्टार्टअप कंपनी (Startup Company) की मदद से किया है। गाड़़ी पूरी तरह से बनकर तैयार है और अब इसे वार्डों से कचरा उठाने के कार्य में लगाया जाएगा। वहीं दूसरी ओर सीएनजी (CNG) से चलने वाली 35 हल्ला गाड़ियां एक माह में निगम खरीदने वाला है।
नगर निगम वर्कशॉप विभाग (Municipal Corporation Workshop Department) में बड़े पैमाने पर खटारा हुई कचरा गाड़ियों को सुधारने का काम और उसके अलग-अलग प्रयोग किए जा रहे हैं। पूर्व में भी वर्कशॉप विभाग (Workshop Department) में कई साइकिल रिक्शा बनाई गई थी। इनके माध्यम से वार्डों की तंग गलियों में कचरा उठाने का कार्य हो रहा है। इसके साथ-साथ साइकिल रिक्शा पर ही गाद निकालने वाली मशीन लगाकर उसे वार्डों में कार्यों में लगाया गया था। यह दोनों प्रयोग सफल रहे थे। इसी के चलते कुछ और साइकिल रिक्शा तैयार हो रही हैं। वर्कशॉप विभाग के प्रभारी अधिकारी मनीष पांडे के मुताबिक वर्कशॉप विभाग में कई ऐसी खराब कचरा गाड़ियां थीं, जिन्हें अब प्रयोग कर अलग-अलग स्वरूप दिया जा रहा है। हाल ही में वर्कशॉप विभाग (Workshop Department) ने एक स्थानीय स्टार्टअप कंपनी की मदद लेकर हैवी बैटरी से चलने वाली कचरा गाड़ी बनाई है। यह आम हल्ला गाड़ियों के समान ही है और आने वाले दो-पांच दिनों में इसे वार्डों में कचरा उठाने के कार्य में लगाया जाएगा। आने वाले दिनों में वर्कशॉप विभाग में 70 और ऐसी गाड़ियां तैयार करने का लक्ष्य है।
अब तक खटारा हुई कचरा गाड़ियों को बेच देते थे
अधिकारियों का कहना है कि एटूझेड कंपनी ने बड़े पैमोन पर निगम के कई कचरा उठाने वाले वाहन खटारा कर दिए थे। निगम वर्कशॉप विभाग (Municipal Corporation Workshop Department) ने ऐसे वाहनों का कई अलग-अलग प्रयोग कर उन्हें सड़कों पर दौड़ने लायक बना दिया। अब लगातार यह प्रयोग जारी है। पूर्व में ऐसे कई वाहनों का प्रयोग हुआ था। अब निगम खटारा वाहनों को नीलामी के पहले समिति के माध्यम से उसकी स्थिति देखेगा और उसके बाद ही उसे नीलाम करने की प्रक्रिया में लाया जाएगा। इसमें वर्कशॉप विभाग (Workshop Department) के अधिकारियों की सहमति भी ली जाएगी।
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