पटना । धर्म से बड़ी इंसानियत (humanity) होती है…। राजा बाजार के सबनपुरा(Sabanpura) के एक मुस्लिम परिवार ने भाईचार और सौहार्द्र की मिसाल पेश की। हिंदू बुजुर्ग की अर्थी सजाने के बाद उसे कंधा देकर मुस्लिम (Muslim) लोगों ने अंतिम संस्कार किया।
मेरे पिता समान थे रामदेव साह : रिजवान
रामदेव साह (75) के निधन से रिजवान के पूरे परिवार में शोक की लहर है। मो. रिजवान ने कहा कि रामदेव साह को 25 वर्ष पूर्व एक व्यक्ति लेकर आया था। उसने कहा कि काम के लिए ये भटक रहे हैं। मेरा दुकान बुद्धा प्लाजा में मदीना होजियरी के नाम से है। मैंने बगैर कुछ पुछे काम पर रख लिया था। रामदेव पढ़े लिखे थे। मेरे यहां एकाउंट देखते थे।
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