नई दिल्ली । केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति पर देश में चल रही बहस के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने इस पर प्रश्न खड़े किए हैं। शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा है कि इस पहले संसद में बहस के लिए क्यों नहीं लाया गया?
शशि थरूर ने कहा है कि अचानक से कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान कैबिनेट में बैठक कर पास क्यों कर दिया गया? शशि थरूर ने कहा है कि ऐसा लगता है कि ये सरकार बिल्कुल भी भूल गई है कि देश में एक संसदीय प्रणाली है और उसका कुछ भी काम होता है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को लागू तो कर दिया गया, लेकिन चुनौती इस बात की है कि उसे पूरा कैसे किया जाएगा। थरूर का कहना है कि कई बार वित्त मंत्रालय ने शिक्षा मंत्रालय के बजट को लेकर असमर्थता जताई है।
हालांकि शशि थरूर ने कई बार यह भी कहा है कि नई शिक्षा नीति में कई बातें अच्छी हैं लेकिन कुछ विषय ऐसे भी हैं, जिसको लेकर चिंता की जा सकती है। शशि थरूर ने कहा है कि उन्हें खुशी है कि सरकार ने शिक्षा नीति बदलने का फैसला किया, इसका इंतजार भी था। लेकिन अभी भी सवाल है कि जीडीपी का 6 प्रतिशत बजट रखने का जो टारगेट है, वो कैसे पूरा होगा। क्योंकि वित्त मंत्रालय ने लगातार शिक्षा मंत्रालय का बजट पिछले वर्षों में लगातार घटाया है।
There is much to welcome in what we have seen of the #NewEducationPolicy2020 announced by @DrRPNishank. A number of suggestions made by some of us seem to have been taken into account. However,the question remains why this was not brought before Parliament first for discussion.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) July 30, 2020
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