कानपुर । वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (global pandemic corona virus) ने सि तरह दूसरी लहर ने तवाही मचाई थी ये सभी को मालूम है। पहली लहर (first wave) के मुकाबले कहीं ज्यादा दूसरी लहर ने कहर बरपा था, हालांकि अब तो तीससरी और चौथी भी चल रही है। इसी बीच अब संक्रमित मरीज (infected patients) एक नई बीमारी का तेजी से शिकार हो रहे हैं।
बता दें कि कोरोना संक्रमण से सिर्फ फेफड़े ही खराब नहीं होते हैं, इस वायरस का लिवर और आंतों पर भी तगड़ा असर पड़ रहा है। यह आंतों को ब्लॉक कर देता है, जिससे गैंगरीन हो जाता है और आंतों को काटना पड़ता है। कुछ रोगी तो मर भी जाते हैं। जो बच गए, वे इस वक्त बहुत बुरी हालत में हैं। यह बात आईएमएसीजीपी रिफ्रेशर कोर्स में हैदराबाद से आए विशेषज्ञ डॉ. संदीप लखटकिया ने बताई।
उन्होंने इस तरह के रोगियों पर प्रस्तुति भी दी। बताया कि कोरोना संक्रमण ने नसों में ब्लॉकेज कर दिया। एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड से नसों का ब्लॉकेज हटाया जा सकता। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के सभागार में चल रहे रिफ्रेशर कोर्स में बताया गया कि कोरोना की चपेट में आए 20 रोगियों की आंतों में सूजन आ गई। इसके साथ ही आंतें प्रभावित भी हुईं।
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