इन्दौर। पड़ोसी आदिवासी जिलों के बाद इन्दौर में भी स्किल सेल एनीमिया के फैलने का खतरा बढ़ गया है। महू और मानपुर तहसील में 19 हजार 500 सैम्पल लिए गए, जिनमें 1100 से ज्यादा लोगों के सैम्पल पाजिटिव पाए गए। इस बीमारी से वैसे लोगों का बड़ा आंकडा विभाग को मिला।
अनुवांशिक बीमारी जिसके चलते न केवल खून की कमी सामने आती है, बल्कि पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ती जाती है, का पता स्वास्थ्य विभाग के कैम्पेन में चला। इन्दौर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारिक आंकडों के अनुसार 19420 नमूने विभाग ने खुर्दी, मानपुर, यशवंत नगर, गोकल्याकुण्ड, बडग़ोंदा, बसीपीपरी, दातोदा, कोदरिया, चोरल और महू केंट गांव में ब्लड सैम्पल लेने का अभियान शुरू किया, जिसके बाद आए आंकडों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की नींद उड़ा दी। 1174 की रिपोर्ट पाजिटिव आई है।
ज्ञात हो कि यह बीमारी आमतौर पर खून में इंफेक्शन होने के कारण सामने आती है, जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होने लगती है, जिसके चलते खून में आक्सीजन ले जाने वाली प्रोटीन की कमी होती है, जिसका इलाज बीमारी बढ़ जाने पर बोनमैरो ट्रांसप्लांट की तकनीक के माध्यम से किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 100 मरीजों का चिन्हांकन किया जा रहा है। ऐसे मरीज जो अतिगम्भीर की श्रेणी में चिन्हित किए जाने, उनके इलाज की शुरुआत की जा रही है। इन्हें आवश्यकता पडऩे पर खून भी चढ़ाया जाएगा। हालांकि अधिकतर मरीजों को इलाज की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन यह रोग जेनेटिक है, इसलिए इन इलाकों में जागरूकता फैलाई जा रही है कि संक्रमित व्यक्ति से शादी ना की जाए, क्योंकि इस बीमारी की वैक्टीरिया स्थानांतरित होकर बच्चों को भी प्रभावित करता है। स्वास्थ्य विभाग इन क्षेत्रों में जांच प्रक्रिया बढ़ा रहा है।
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