नई दिल्ली (New Delhi) । नए ग्रहों (Planet) की खोज की दिशा में इंसानों के रहने लायक एक ग्रह मिला है। वैज्ञानिकों (scientists) का दावा है कि यहां पर इन्सानी बस्ती बसाई जा सकती है। यह एक पथरीली दुनिया है, लेकिन यहां पानी की अपार संभावनाएं दिख रही हैं। इसलिए उम्मीद है कि इंसान (Human) यहां आसानी से रह सकेगा। यह धरती से 1.26 गुना ज्यादा वजनी है और 1.08 गुना बड़ा है। इसे स्पेन के कालार एल्टो ऑब्जर्वेटरी में लगे 11.5 फुट ऊंचे कारमेंस टेलीस्कोप की मदद से खोजा गया है।
एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, यह हमारी धरती से महज 31 प्रकाश वर्ष दूर है। वैज्ञानिकों ने इसे वोल्फ ‘1069बी’ का नाम दिया है। हालांकि, अभी इसके पर्यावरण को समझने में थोड़ा समय लगेगा। दुनियाभर के 50 वैज्ञानिक इसकी खोज में लगे थे। उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि यह अपने लाल बौने तारे 1069बी के चारों तरफ चक्कर लगा रहा है।
31 प्रकाश वर्ष धरती से दूर, पृथ्वी से सवा गुना है ज्यादा वजनी
5,200 से अधिक ग्रह खोजे… वैज्ञानिकों ने अब तक 5,200 से ज्यादा ग्रह खोजे हैं, लेकिन सिर्फ 200 रहने लायक हो सकते हैं। वोल्फ 1069बी धरती के करीब खोजा गया छठा रहने योग्य ग्रह है। प्रॉक्सिमा सेंटौरी बी, जीजे 1061डी, टीगार्डेन्स स्टार सी और जीजे 1002 बी और सी शामिल हैं।
हमारे सूर्य से छोटा है आकार : ‘वोल्फ 1069बी’ का तारा (सूर्य) एक लाल बौना तारा है, जो आकार में हमारे सूर्य से छोटा है। साथ ही वह सूरज से करीब 65 फीसदी कम रेडिएशन पैदा करता है। इससे यह पता चलता है कि वहां पर रहना आसान हो सकता है। सतह का तापमान माइनस 95.15 डिग्री सेल्सियस से 12.85 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। औसत तापमान माइनस 40.14 डिग्री सेल्सियस है। यानी इस ग्रह पर तापमान के हिसाब से भी रहा जा सकता है।
एक तरफ रोशनी दूसरी तरफ अंधेरा
वैज्ञानिकों के मुताबिक, इसके एक हिस्से की तरफ रोशनी और दूसरी तरफ एकदम अंधेरा है। जैसे हमारी धरती के चारों तरफ चांद चक्कर लगाता है, उसके भी एक हिस्से में ही रोशनी रहती है, दूसरे में अंधेरा। इसका वहां पर धरती की तरह दिन-रात का फॉर्मूला नहीं है। यानी दिन वाले इलाके में रहा जा सकता है।
15 दिन में पूरा करता है एक चक्कर : जर्मनी स्थित मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी की वैज्ञानिक डायना कोसाकोवस्की ने कहा, ‘वोल्फ 1069बी’ अपने तारे के चारों तरफ 15.6 दिन में एक चक्कर लगा रहा है। जैसे बुध ग्रह हमारे तारे यानी सूर्य से बेहद करीब है। वह सूरज के चारों तरफ 88 दिन में एक चक्कर लगाता है। वहां की सतह का तापमान 430 डिग्री सेल्सियस है, क्योंकि वह सूरज के करीब है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved