नई दिल्ली (New Delhi) । विस्तारा के साथ मर्जर के बीच एयर इंडिया (Air India) ने बुधवार को अपने स्थायी ग्राउंड स्टाफ के लिए वॉलेंट्री रिटायरमेंट स्कीम (Voluntary Retirement Scheme) यानी वीआरएस (VRS) का ऐलान कर दिया है। साथ ही वॉलेंट्री सेपरेशन स्कीम (VSS) का भी ऐलान किया गया है। खबर है कि वीआरएस योजना उन कर्मचारियों के लिए है, जिन्होंने कंपनी में पांच साल की सेवा पूरी कर ली है। वहीं, वीएसएस की पेशकश एयरलाइन में पांच साल से कम सेवा वाले कर्मचारियों के लिए की गई है। दोनों योजनाएं बुधवार को शुरू की गई। संबंधित कर्मचारियों को वीआरएस/वीएसएस के लिए आवेदन करने के लिए एक महीने का समय दिया गया।
एयर इंडिया के एक अधिकारी ने कहा कि विलय वाली यूनिट को कम ग्राउंड स्टाफ की जरूरत होगी और इसलिए इस प्रक्रिया की शुरुआत की जा रही है। बता दें कि विस्तारा और एयर इंडिया का स्वामित्व टाटा समूह के पास है। इनके कर्मचारियों की संख्या कुल मिलाकर 23,000 से अधिक है। टाटा समूह अपने विमानन कारोबार को दुरुस्त करने के लिए अपनी एयरलाइंस के विलय की योजना पर काम रहा है। इससे इनके कर्मचारियों पर असर पड़ रहा है।
एयर इंडिया ने क्या कहा?
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्राउंड स्टाफ को भेजे गए एक मैसेज में एयरलाइन द्वारा कहा गया है, “हम एयर इंडिया में कम से कम पांच साल की निरंतर सेवा वाले कर्मचारियों के लिए एक वॉलेंट्री रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) और इससे कम सेवा वाले कर्मचारियों के लिए वॉलेंट्री सेपरेशन स्कीम (VSS) की घोषणा कर रहे हैं।” एयर इंडिया ने कहा कि इन दोनों योजनाओं में भाग लेने की विंडो 16 अगस्त तक खुली रहेगी। एयरलाइन ने कहा कि आवेदनों की “एक्सेप्टेंस” और “रिलीज डेट” मैनेजमेंट द्वारा तय की जाएगी। आपको बता दें कि वीएसएस ऐसी योजना या प्रस्ताव है, जिसमें नियोक्ता कर्मचारी को बिना किसी छंटनी के स्वेच्छा से इस्तीफा देने के लिए कहता है और साथ ही उसे उचित मुआवजा भी देता है।
600 कर्मचारियों पर असर!
बता दें कि हाल ही में खबर आई थी कि एयर इंडिया और विस्तारा के विलय से दोनों एयरलाइंस के करीब 600 कर्मचारियों पर असर पड़ सकता है। हालांकि, उन्हें टाटा समूह और एयर इंडिया समूह के भीतर अन्य इकाइयों में रोजगार देने की कोशिशें की जाएंगी। सूत्रों के हवाले से पीटीआई भाषा ने कहा था कि विलय प्रक्रिया से प्रभावित होने वाले इन कर्मचारियों को एयर इंडिया के साथ टाटा समूह की अन्य कंपनियों में रोजगार दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। किसी भी समूह में समायोजित न हो पाने वाले कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक अलगाव योजना पैकेज लाया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, विलय की प्रक्रिया सितंबर के अंत या अक्टूबर की शुरुआत में पूरा होने की उम्मीद है। यह प्रक्रिया पूरी होने पर ही प्रभावित कर्मचारियों की सही संख्या का अंदाजा मिल पाएगा। बता दें कि टाटा समूह ने जनवरी, 2022 में एयर इंडिया की कमान संभाली थी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved