जबलपुर: मध्य प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को नये साल में बिजली का नया झटका देने की तैयारी है. बिजली कंपनी बिजली के दाम बढ़ाने का प्लान कर रही हैं. कंपनियों ने टैरिफ याचिका दायर कर दी है. बिजली के दाम 3.4 फीसदी बढ़ाने की मांग की है. विद्युत कंपनियों की याचिका पर 6 दिसंबर को विद्युत नियामक आयोग सुनवाई करेगा.
मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी सहित तीनों विद्युत वितरण कंपनियों ने मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग में एक याचिका दायर की है. इस याचिका के जरिए बिजली कंपनियों ने मध्यप्रदेश में बिजली के दाम 3.4 फीसदी बढ़ाने की मांग की है. याचिका में कहा गया है मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनियों को साल 2023-24 में बिजली कंपनियों को 49 हजार 500 करोड़ रुपए के राजस्व की जरूरत है. इसमें कुल आय और व्यय के लिए 1500 करोड़ों रुपए की और जरूरत पड़ेगी यानी बिजली कंपनियों को आने वाले साल में 1500 करोड़ का घाटा लगेगा.
बिजली कंपनियों ने घाटे की भरपाई उपभोक्ताओं से करने की मांग की है. याचिका के जरिए कहा गया है आगामी सत्र में बिजली के दाम 3.4 फ़ीसदी बढ़ाए जाएं. विद्युत कंपनियों की याचिका पर 6 दिसंबर को विद्युत नियामक आयोग सुनवाई करेगा. नियमों के मुताबिक सुनवाई के बाद विद्युत नियामक आयोग आम उपभोक्ता से याचिका पर आपत्ति भी बुलाएगा. बहरहाल अगर सब कुछ बिजली कंपनियों के मन मुताबिक रहा तो आने वाला नया साल बिजली के आम उपभोक्ताओं के लिए महंगाई की एक और मार लेकर आएगा.
लगातार कई साल से बिजली कंपनियां अपना घाटा दर्शाते हुए हर साल बिजली के दाम में वृद्धि की मांग करती हैं. बिजली के मामलों में जानकार बताते हैं कि हर साल बिजली महंगी करने की आवश्यकता दरअसल कंपनियों के गलत काम का नतीजा है. क्योंकि बिजली कंपनियों ने कई हजार करोड़ों के ऐसे परचेज एग्रीमेंट भी कर रखे हैं जिसमें सरकार ने 1 रुपये बिजली खरीदी तो नहीं है लेकिन हजारों करोड़ का भुगतान हर साल कर रही हैं. अगर बिजली कंपनियां लाइन लॉस कम करें तो बेशक बिजली के दामों में वृद्धि करने की जरूरत ना पड़े.
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