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    नई शहर सरकार का चुनौतियों के साथ स्वागत

  • August 06, 2022

    • खजाना है खाली और उम्मीदें हैं ढेर सारी… 85 पार्षदों के साथ नेताओं-रसूखदारों को साधना भी नहीं होगा आसान

    भोपाल। शहर सरकार का सफर आज शपथ ग्रहण के साथ शुरू हो गया। बीते लगभग ढाई सालों से तो नगर निगम में अफसरों का ही राज चलता रहा है। अब 85 वार्ड पार्षदों के साथ महापौर की भी ताजपोशी हो गई है, जिनके हाथ में जनता से जुड़ी मूलभूत समस्याओं को हल करने की चुनौतियां हैं। नई शहर सरकार ने ऐसे समय में शपथ लिया है जब मानसून की बारिश के कारण शहर में लोग जगह-जगह जल भराव के कारण परेशान है। बीती रात हुई झमाझम बारिश से शहर के कई क्षेत्रों के घरों में पानी भी गया। इस नई शहर सरकार का चुनौतियों के साथ स्वागत बताया जा रहा है।
    गौरतलब है कि नगर निगम का खजाना तो खाली है ही, वहीं जनता की उम्मीदें ढेर सारी हैं और चुनाव लड़ते वक्त नवनिर्वाचित महापौर मालती राय ने खुद को जनता का साथी बताया। अब उसका भी श्रीगणेश आज से ही हो रहा है। निगम को नेताओं-रसूखदारों से बचाने की चुनौती भी कम नहीं रहेगी। नगर निगम से आम जनता को सबसे अधिक उम्मीदें इसलिए रहती है कि सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक की अधिकांश सुविधाएं-समस्याएं निगम से ही जुड़ी रहती हैं। सड़क, ड्रैनेज, पानी, प्रकाश, साफ-सफाई से लेकर तमाम सुविधाएं निगम को ही मुहैया करवाना पड़ती है।

    जलभराव सबसे बड़ी समस्या
    मानसून के इस दौर में जिस तरह ड्रेनेज सिस्टम फेल हो गए हैं, सफाई व्यवस्था चरमरा गई है, लोगों के घरों में बरसात का पानी भर जाता है यह महापौर के लिए बड़ी चुनौती है। बीती रात हुई बारिश के कारण पुराने शहर के कई क्षेत्रों के घरों में पानी भर गया। लोगों का कहना है कि नालों पर अतिक्रमण के कारण यह स्थिति बन रही है। वसुंधरा कॉलोनी में तो थोड़ी सी बारिश भी परेशानी का सबब बन जाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां के नाले पर अक्रिमण के कारण यह स्थिति बन रही है। महापौर और पार्षदों के सामने चुनौती होगी कि वे लोगों को इन समस्याओं से निजात दिलाएं।


    शबिस्ता होंगी ननि नेता प्रतिपक्ष
    भोपाल नगर निगम में शबिस्ता जकी नेता प्रतिपक्ष होंगी। वार्ड-24 से पार्षद शबिस्ता जीत की हैट्रिक लगा चुकी हैं। नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी की दौड़ में नंबर-1 पर थीं। चूंकि, महापौर महिला है, इसलिए नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर कांग्रेस ने महिला पार्षद को ही काबिज किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की सहमति के बाद शबिस्ता का नाम नेता प्रतिपक्ष के लिए फाइनल हुआ। जकी पिछले 3 चुनाव से जीतती आ रही हैं। उनके वार्ड में श्यामला हिल्स भी है। जहां पर सीएम हाउस है। नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में शाबिस्ता के अलावा मोहम्मद सरवर और मोहम्मद सगीर भी थे, लेकिन शबिस्ता दोनों से आगे निकल गईं। सगीर पिछली परिषद में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। नगर निगम के कुल 85 वार्ड में से कांग्रेस ने 22 जीते हैं। यानी, इतने पार्षदों का शबिस्ता नेतृत्व करेंगी। काउंटिंग के बाद से ही सीनियर पार्षद कुर्सी के लिए दावेदारी ठोंक रहे थे।

    निगम अध्यक्ष का फैसला आज
    भोपाल नगर निगम अध्यक्ष के नाम का फैसला आज होगा। पर्यवेक्षक राज्यसभा कविता पाटीदार अभी दिल्ली में हैं और शनिवार को भोपाल आएंगी। वे पार्षदों और वरिष्ठ नेताओं से रायशुमारी करेंगी और 3 नाम की पैनल पार्टी को देंगी। जिस पर सीएम शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की आखिरी मुहर लगेगी। इधर, अध्यक्ष की कुर्सी के लिए दावेदारों की संख्या बढ़ गई है। संघ से भी कुछ नाम सामने आए हैं। बीजेपी ने निगम अध्यक्ष के चुनाव के लिए राज्यसभा सांसद पाटीदार को पर्यवेक्षक बनाया है। 8 अगस्त को अध्यक्ष चुना जाएगा। इससे पहले नाम पर फैसला होने की बात कही जा रही है। गुरुवार को पर्यवेक्षक भोपाल आने वाली थीं, लेकिन उनके नहीं आने के कारण रायशुमारी के लिए होने वाली मीटिंग की डेट आगे बढ़ गई। अब यह मीटिंग शनिवार को होगी। पर्यवेक्षक पाटीदार ने बताया, वे 6 अगस्त को रायशुमारी करेंगी। बता दें कि महापौर के बाद सबसे महत्वपूर्ण मानी जाने वाली निगम अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर कई सीनियर पार्षद मैदान में है। वे कुर्सी के लिए दौड़-भाग भी कर रहे हैं। सीनियटी के हिसाब से माने तो रविंद्र यती, सुरेंद्र बाडिका और किशन सूर्यवंशी आगे हैं। वहीं, पार्षद राजेश हिंगोरानी का नाम भी सामने आया है। हिंगोरानी के लिए बैरागढ़ के बीजेपी नेता और समाज के लोग सीएम और प्रदेश अध्यक्ष से भी मिल चुके हैं। दावेदारी के पीछे तर्क है कि हिंगोरानी सिंधी समाज के एकमात्र पार्षद है। उन्हें मौका दिया जाना चाहिए। संघ से भी कुछ नाम सामने आ रहे हैं। इनमें वार्ड-12 के पार्षद देवेंद्र भार्गव का नाम भी चर्चा में है। भार्गव लंबे समय तक संघ में रहे। वे 15 साल तक शिशु मंदिर के प्राचार्य भी रह चुके हैं। सामान्य कोटे से उनका नाम भी सामने आया है।

    इन नेताओं से भी रायशुमारी करेंगी पर्यवेक्षक
    पर्यवेक्षक पाटीदार पार्षदों के साथ बैठकर अध्यक्ष के नाम पर चर्चा करेगी। वहीं, प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, पार्टी में प्रदेश पदाधिकारी भगवानदास सबनानी, जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी, राहुल कोठारी, विधायक रामेश्वर शर्मा, कृष्णा गौर, पूर्व महापौर आलोक शर्मा समेत कई वरिष्ठ नेताओं से भी रायशुमारी की जाएगी। इसके बाद नामों की पैनल पर सीएम और प्रदेश अध्यक्ष फैसला लेंगे।

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