चेन्नई। पिछले कई दशकों में सबसे सस्ते ऑटो लोन के चलते अपनी कार का सपना पूरा करने वालों की संख्या में अचानक बेतहाशा इजाफा हुआ है। कोरोना काल में खुद को सुरक्षित रखने के लिए आज हर कोई अपने वाहन से ही सफर करना पसंद कर रहा है। उस पर ऑटो लोन की दरें भी अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई हैं जिसकी वजह से कारों की मांग बढ़ी है।
लंबे समय के बाद कार खरीदारों के लिए वेटिंग लिस्ट की वापसी हुई है। यह स्थिति सिर्फ सबसे ज्यादा बिकने वाली कॉम्पैक्ट एसयूवी के साथ ही नहीं है, बल्कि मारुति ऑल्टो और वैगनआर सहित कई छोटी कारों के साथ-साथ मारुति स्विफ्ट और हुंडई आई20 जैसी हैचबैक और हुंडई वेरना सरीखी सेडान कारों केो लेकर भी कमोबेश यही स्थिति है। इनके खरीददार 1 से 10 महीनों की वेटिंग लिस्ट में चल रहे हैं।
मार्केट लीडर मारुति अक्टूबर से ही अपने सभी कारखाने पूरी क्षमता के साथ काम कर रही है। 27 दिसंबर से 3 जनवरी के बीच मारुति ने मेनटिनेंस के लिए शटडाउन किया था। कंपनी के दिल्ली स्थित एक डीलर ने जानकारी दी है कि मारुति के स्विफ्ट, ऑल्टो और वैगनआर जैसे मॉडलों के लिए वेटिंग लिस्ट 3-4 हफ्तों की रेंज में है। वहीं, अर्टिगा के लिए यह 6-8 हफ्ते तक है। डीलर ने आगे बताया कि हालांकि, एसेंबली लाइंस इस समय 24 घंटे काम कर रही हैं, उसके बाद भी हालात सामान्य होने में अभी काफी समय लग सकता है।
हुंडई मोटर्स इंडिया के निदेशक (प्रोडेक्शन) गणेश मनी का कहना है कि उन्होंने पिछले छह महीने से अपने सबसे ज्यादा मांग वाले मॉडल क्रेटा का उत्पादन 340 यूनिट प्रतिदिन से बढ़ाकर 640 यूनिट प्रतिदिन कर दिया है, ताकि वेटिंग लिस्ट छह महीने से घटकर 2-3 महीने तक आ सके। एजेंसी (हि.स.)
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