इंदौर। भिक्षुक मुक्त शहर (beggar free city) के लिए काम कर रही संस्था 12 अप्रैल से अपना नया अभियान शुरू करेगी। इसमें लोगों को भिक्षा नहीं देने के लिए जागरूक किया जाएगा। संस्था प्रवेश (institution admission) ने पिछले एक महीने से भिक्षुक मुक्त शहर के लिए अभियान तेज किया है। इसमें मंदिरों के बाहर से भिक्षुकों को पुनर्वास केंद्र भेजने के साथ ही बीमार और मानसिक रोगी भिक्षुकों (mentally ill monks) के इलाज करवाने से लेकर उन्हें भिक्षा नहीं मांगने की समझाइश देना भी शामिल है। अब संस्था का नया अभियान (new campaign) मंगलवार से शुरू होगा, जिसमें संस्था से जुड़े लोग शहर के नागरिकों को भिक्षा ना देने के लिए प्रेरित करेंगे।
इसी दिन संस्था प्रवेश को एक अन्य संस्था की ओर से एंबुलेंस (Ambulances) भी मिल रही है, जिसकी मदद से वे बीमारों को रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचा सकेंगे। हाल ही में संस्था ने अभियान में आ रही कठिनाइयों से वरिष्ठ अधिकारियों को रूबरू करवाया था, जिसके बाद संस्था को एक टीम भी दी गई है, जो रेस्क्यू में संस्था की मदद करेगी।
ऑपरेशन के बाद लौटेंगे काम पर
भिक्षुक पुनर्वास केंद्र (beggar rehabilitation center) में रेस्क्यू कर लाए गए कई भिक्षुक आंखों के खराब होने के कारण काम नहीं कर पा रहे थे, इसलिए भिक्षावृत्ति शुरू कर दी थी। परसों भिक्षुक पुनर्वास केंद्र में लगे जांच कैंप में 17 रेस्क्यू किए लोगों की दोनों आंखों में मोतियाबिंद मिला। इनमें से कुछ के ऑपरेशन हो गए हंै। बाकी को ऑपरेशन के लिए भर्ती किया गया है। ये सभी वो लोग हैं, जो आंखों के ठीक होने के बाद अपने मूल काम को वापस शुरू करना चाहते हैं। इनमें से कुछ इलेक्ट्रिशियन का काम करते हैं, तो कई सिलाई का।
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