इन्दौर (Indore)। नगर निगम द्वारा शहर के कई सरकारी स्कूलों के पुराने जर्जर भवनो को तोडक़र वहां नए सिरे से बिल्डिंगें बनाने के साथ-साथ तमाम सुविधाएं जुटाई जाएंगी। इनमें स्वामी विवेकानंद स्कूल और भानगढ़ क्षेत्र के तीन सरकारी स्कूलों के अलावा कुछ अन्य सरकारी स्कूलों में भी काम शुरू होना है। छावनी के सरकारी स्कूल का काम ठेकेदार के ब्लैक लिस्ट होने के कारण दो साल से अटका था। अब वहां नए सिरे से टेंडर जारी कर काम शुरू कराया जाएगा। शहर के कई सरकारी स्कूल अभी भी पतरे के शेड वाले स्थानों और पुराने जर्जर भवनों में लग रहे हैं।
इनमें भानगढ़, अमरापुरी, काशीपुरी और उसके आसपास के कई स्कूल आंगनवाड़ी केंद्रों में ही संचालित हो रहे हैं, जिसके कारण वहां पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को तमाम मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। कई बार बारिश में इन स्कूलों की छुट्टी कर दी जाती है, क्योंकि कक्षों की कमी होने के चलते बड़े हॉल में एक साथ दो कक्षाएं संचालित नहीं की जा सकतीं। कल नगर निगम जनकार्य समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर ने शाला प्रकोष्ठ के अधिकारी शांतिलाल यादव और अन्य अधिकारियों के साथ ऐसे स्कूलों का दौरा किया।
सबसे पहले विवेकानंद स्कूल में कराए जाने वाले कामों को लेकर चर्चा हुई और वहां प्रभारी ने मौका निरीक्षण भी किया। इसके बाद भानगढ़, अमरापुरी, काशाीपुरी में नए स्कूल बनाने पर सहमति हुई और इसके लिए आने वाले दिनों में जल्द ही डेढ़ करोड़ के टेंडर जारी किए जाएंगे। राठौर के मुताबिक फिलहाल सरकारी स्कूलों की बिल्डिंगों का प्रथम चरण शुरू किया जाएगा, जिमसें तल मंजिल का निर्माण कार्य होगा और उसमें लैब से लेकर लायब्रेरी और तमाम सुविधाएं जुटाई जाएंगी। दूसरी ओर छावनी के सरकारी स्कूल का काम भी जल्द शुरू कराया जाएगा।
वहां किसी फर्म को निगम ने नई बिल्डिंग बनाने का काम सौंपा था, लेकिन संबंधित एजेंसी के ब्लैक लिस्ट होने के कारण पिछले दो साल से छावनी के सरकारी स्कूल का काम बंद पड़ा है। अब वहां स्कूल का काम नए सिरे से टेंडर जारी कर शुरू कराया जाएगा। शहरी क्षेत्र के अधिकांश सरकारी स्कूलों को संवारा जा चुका है, लेकिन दूरस्थ कालोनियों और ग्रामीण हिस्सों से सटे स्कूलों की हालत ज्यादा खराब है। इसलिए वहां के स्कूलों को भी सूची में शामिल किया जा रहा है, ताकि वर्षों पुराने स्कूलों के जर्जर भवनों को तोडक़र नए बिल्डिंगें बनाई जा सके।
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