वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने जहां पूरी दुनिया को झकझौद दिया वहीं आम जनता में दूरियां पैदा कर दी हैं। ऐसा ही मामला नई दुल्हन और दूल्हे के बीच देखने को मिला है। हाल ही में कोरोना काल में युवक की शादी हुई थी। शादी के दौरान दुल्हन की फैमिली में कुछ लोग कोरोना से संक्रमित थे। कोरोना फोबिया से ग्रसित युवक ने पत्नी के साथ दांपत्य दायित्वों को नहीं निभाया, तो पत्नी ने उसकी मर्दानगी पर सवाल उठा दिया।
बता दें कि, कोरोना काल में एक युवक की शादी हुई थी। शादी के बाद ससुराल के लोग पॉजिटिव पाए गए थे। संक्रमण के डर शादी के बाद युवक अपनी पत्नी के साथ भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करता रहा था। कोरोना फोबिया से युवक इस तरह ग्रसित था कि अपनी पत्नी के करीब ही नहीं गया है। कुछ दिनों बाद गुस्से में नई-नवेली दुल्हन ससुराल छोड़ कर आपे मायके चली गई क्योंकि इतने दिनों में पति ने कभी भी दांपत्य दायित्वों को नहीं निभाया था।
मायके जाने के 5 महीने बाद भोपाल स्थित फैमिली कोर्ट में उसने तलाक की अर्जी लगा दी। 2 दिसंबर को दाखिल तलाक की अर्जी में पत्नी ने कहा था कि पति फोन पर अच्छी-अच्छी बात करते हैं लेकिन कभी पास नहीं आते हैं। इसे लेकर पति-पत्नी में अक्सर विवाद होता था। दोनों की शादी 29 जून 2020 को हुई थी। साथ ही उसने ससुराल के लोगों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था। उसके बाद कुटुंब न्यायालय में दोनों की काउंसलिंग शुरू की गई थी।
युवती मायके पहुंच कर सारी चीजों के बारे में अपने परिजनों को जानकारी दी है। परिजनों से इस मुद्दे पर बात करने के लिए युवक कभी तैयार नहीं हुआ। ऐसे में विवाद और गहरा गया। युवती के परिजनों का कहना था कि अभी बेटी की पूरी जिंदगी पड़ी है और अभी से यह हालत है तो आगे चल कर क्या होगा। उसके बाद लोगों ने कोर्ट में तलाक की अर्जी लगा दी थी।
पत्नी के आरोप पर कुटुंब न्यायालय ने दोनों परिवारों की काउंसलिंग की है। वहीं, पति को काउंसलिंग के दौरान मेडिकल कराने की सलाह दी गई थी। पति ने मेडिकल करा कर सर्टिफिकेट कोर्ट में सौंपा है, जिसमें वह पूरी तरह से फिट था। उसके बाद कोर्ट ने पाया कि महिला का आरोप गलत है। फिर दोनों परिवारों को कोर्ट ने समझाया और महिला को उसके पति के साथ ससुराल भेज दिया है।
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