इंदौर। इंदौर (Indore) के देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल (Devi Ahilyabai Holkar International Airport) पर आने-जाने वाले विमानों की राह अब और भी आसान होगी। विमानों को राह दिखाने के साथ पूरे समय हर मदद करने वाले एयर ट्रैफिक कंट्रोल (air traffic control) के लिए यहां नया टावर बनेगा। इसे बनाने पर 87 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। नया टावर 10 मंजिला होगा, जबकि मौजूदा टावर पांच मंजिला ही है।
सेंट्रल इंडिया (Central India) के सबसे व्यस्त और बड़े एयरपोर्ट इंदौर (Airport Indore) को लंबे समय से नए एटीसी टावर की जरूरत थी। इसे लेकर करीब दो साल पहले एयरपोर्ट अथोरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) को प्रस्ताव भेजा गया था। कुछ समय पहले ही एएआई ने इस पर मंजूरी देते हुए 87 करोड़ रुपए की राशि की मंजूरी दी है। इसके बाद इसके निर्माण को शुरू करने से पहले एयरपोर्ट अथोरिटी ने जरूरी इनवायरमेंटल क्लीयरेंस के लिए पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (forest ministry) को प्रस्ताव भेजा है। बताया जा रहा है कि जल्द ही इस पर मंजूरी के बाद इसके निर्माण को लेकर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
दोगुनी ऊंचाई का होगा नया टावर, कई नई सुविधाएं भी जुड़ेंगी
इंदौर एयरपोर्ट (Indore Airport) पर अभी मौजूद एयर ट्रैफिक कंट्रोल (air traffic control) टावर पांच मंजिला है, जबकि नया टावर इससे दोगुनी ऊंचाई का करीब 31 मीटर ऊंचा 10 मंजिला टावर होगा। इसमें मौजूदा टावर की अपेक्षा कई नए उपकरण व आधुनिक सुविधाएं भी होंगी। ये विमानों के परिचालन में काफी सहायक साबित होंगी।
रनवे के दूसरी ओर बनेगा नया टावर, दो रनवे की योजना के तहत बदला स्थान
नया एटीसी टावर (new atc tower) मौजूदा टावर के विपरीत दिशा में बनाया जाएगा। मौजूदा टावर जहां रनवे और टर्मिनल के बीच है, वहीं नया टावर रनवे के दूसरी ओर बनाया जाएगा। यह डबल रनवे को देखते हुए प्लान किया जा रहा है, ताकि भविष्य में अगर यहां दो रनवे बनते हैं तो दोनों ही रनवे पर आने और जाने वाले विमानों को यहां से आसानी से राह दिखाई जा सकेगी।
नए साल में शुरू होगा निर्माण
एटीसी टावर (atc tower) में एक्सपर्ट्स आने और जाने वाले विमानों को हर तरह की तकनीकी मदद उपलब्ध करवाते हैं। इसमें ही मौसम विभाग (weather department) का भी कार्यालय होता है। टावर से ही मौसम से जुड़ी जानकारी जैसे हवा की गति, दिशा, दबाव, दृश्यता जैसी जानकारी पायलट को उपलब्ध करवाई जाती है, वहीं रनवे पर लैंडिंग से पहले पायलट को एटीसी से ही मंजूरी लेना होती है। इसलिए इसे एयरपोर्ट और विमान संचालन का सबसे प्रमुख अंग कहा जाता है। 2022 में इसका निर्माण शुरू होगा और संभवत: साल के अंत तक या 2023 में यह पूरी तरह तैयार होगा, जिससे इंदौर से जुड़ी हवाई सेवाओं को काफी मदद मिलेगी।
– प्रबोध शर्मा, प्रभारी एयरपोर्ट डायरेक्टर
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