भोपाल। आज कुछ लोग नए किसान कानूनों का विरोध कर रहे हैं, जबकि यह कानून किसानों के हित में हैं। इसमें मंडी बंद नहीं होंगी। किसान अपनी उपज मंडी के बाहर भी निर्यातक या निजी मंडी में बेच सकता है। बोवनी के समय किसान और व्यापारी आपस में समझौता करते हैं और बाजार की स्थितियां बदल जाती हैं, व्यापारी तय कीमत से कम में उत्पादन लेता है और किसान को नुकसान पहुंचता है तो सरकार कार्रवाई करेगी। होशंगाबाद जिले के किसानों से कंपनी ने धान की बढ़ी कीमत पर खरीद से इन्कार कर दिया तो प्रशासन ने कार्रवाई की।
यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को 50 नई सिंचाई योजनाओं का वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लोकार्पण करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि नए किसान कानूनों से प्रतिस्पर्धा होगी। किसान को यह अधिकार रहेगा कि वो अपनी उपज कहीं भी बेचे। भंडारण की अधिकतम सीमा भी नहीं होगी। इससे व्यापारी अधिकतम खरीद करेंगे। इससे फायदा किसान का ही होगा।
मध्य प्रदेश में किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) अनुबंध मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 का प्रभावी क्रियान्वयन हो रहा है। मंडी के अलावा फसल को बेचने के वैकल्पिक उपायों का लाभ किसानों को मिलेगा। प्रदेश में सिंचाई का रकबा बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है। सिंचाई का रकबा 65 लाख हेक्टेयर पहुंचाया जाएगा। अभी यह चालीस लाख हेक्टेयर पहुंच गया है, जो 2003 में सिर्फ सात-आठ लाख हेक्टेयर हुआ करता था। एक साल में सरकार 30 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूर करेगी।
नर्मदा जल का पूरा उपयोग किया जाएगा। तीन साल में नर्मदा योजनाओं के क्रियान्वयन को पूरा किया जाएगा। प्रदेश में 27 वृहद, 47 मध्यम और 287 लघु सिंचाई परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। इनके पूरा होने पर सिंचाई क्षमता 24 लाख हेक्टेयर ब़़ढेगी। उन्होंने कहा कि सिंचाई क्षमता बढ़ने का फायदा उत्पादन में मिल रहा है। इस साल गेहूं उपार्जन में मध्य प्रदेश ने पंजाब को पीछे छोड़ दिया है। प्रदेश में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को आंदोलन का रूप दिया जाएगा। कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उस समय किसान योजनाओं को ग्रहण लग गया था।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved