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Nepal के विदेश मंत्री ने की रूसी सेना में तैनात अपने नागरिकों को लौटाने की मांग

March 08, 2024

काठमांडू (Kathmandu)। नेपाल (Nepal) ने रूस (Russia) से मांग की है कि वह रूसी सेना (Russian Army) में सेवारत नेपाली नागरिकों की वापसी सुनिश्चित करें। नवनियुक्त उप-प्रधानमंत्री (Newly appointed Deputy Prime Minister) और विदेश मामलों के मंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ (Narayan Kazi Shrestha) ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Russian Foreign Minister Sergei Lavrov) से नेपालियों के शवों को वापस भेजने में तेजी लाने, मृतकों के परिवार को मुआवजा देने और रूसी सेना में सेवारत नेपाली नागरिकों की वापसी की सुविधा प्रदान करने का आग्रह किया।


विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विदेश मंत्री श्रेष्ठ ने गुरुवार को टेलीफोन पर बातचीत के दौरान रूसी मंत्री से ऐसा अनुरोध किया। श्रेष्ठ ने मुआवजा प्रक्रिया शुरू करने के लिए लावरोव को धन्यवाद दिया और रूस से इसे जल्द से जल्द पूरा करने का अनुरोध किया। रूसी विदेश मंत्री ने उन्हें नेपाल सरकार की चिंताओं को दूर करने के लिए सरकार के समर्थन का आश्वासन दिया।

बयान में कहा गया है कि बातचीत के दौरान रूस के विदेश मंत्री ने श्रेष्ठ को पदभार संभालने पर बधाई दी और शुभकामनाएं दीं। बयान में कहा गया है, रूस के विदेश मंत्री ने नेपाली पक्ष के साथ व्यापार, पर्यटन और संस्कृति समेत विभिन्न मोर्चों पर सहयोग करने की इच्छा जताई।

इससे पहले नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने जानकारी दी थी कि नेपाल रूसी सेना में भर्ती किए गए, घायल हुए लोगों को वापस भेजने और मारे गए लोगों के शव भेजने के लिए रूस के साथ राजनयिक वार्ता कर रहा है। प्रचंड ने यह भी कहा कि अब किसी नेपाली नागरिकों को रूस जाने से पहले सरकार से अनापत्ति पत्र लेना होगा। इससे सिर्फ छात्रों और कारोबारियों को छूट मिलेगी।

रूस जाने पर ‘अनापत्ति पत्र’ अनिवार्य
वहीं. प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल ने कहा है कि रूसी सरकार को सूचित किया गया है कि रूसी सेना में नेपालियों की भर्ती अवैध है और रूस जाने पर ‘अनापत्ति पत्र’ अनिवार्य है। संसद में बृहस्पतिवार उठाए गए अहम मुद्दों पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री प्रचंड ने साफ किया कि नेपाली नागरिकों को रूसी सेना में भर्ती न करने और भर्ती किए गए लोगों को नेपाल वापस करने के लिए कूटनीतिक दबाव बढ़ा दिया गया है।

प्रधानमंत्री प्रचंड ने बताया कि रूसी सेना में शामिल होकर मारे गए नेपाली नागरिकों के शवों को वापस लाने, मृतकों और घायलों के परिवारों को मुआवजा देने और यूक्रेनी सेना द्वारा पकड़े गए नागरिकों को वापस लाने के संबंध में संबंधित देशों के अधिकारियों से बातचीत की जा रही है। प्रधानमंत्री प्रचंड ने कहा, हाल ही में रूसी सरकार नेपाली दूतावास के खाते में मुआवजा और बीमा राशि जमा करने और कांसुलर सेवा विभाग के माध्यम से पीड़ित परिवार को प्रदान करने पर सहमत हुई है। उन्होंने कहा, अध्ययन छात्रवृत्ति और व्यवसायों को छोड़कर रूस की यात्रा करने वाले नागरिकों के लिए अनापत्ति पत्र अनिवार्य कर दिया गया है।

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