नई दिल्ली: नेपाल (Nepal) की सरकार (Goverment) ने काम के सिलसिले में यूक्रेन और रूस (Ukraine and Russia) जाने वाले अपने लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसकी वजह नेपाल की सरकार ने कुछ यूं बयान किया है कि काम के लिए जाने वाले कई लोगों को रूसी आर्मी में भर्ती कर लिया गया. फिर वह इस संघर्ष में मोर्चे पर भेज दिए गए. नेपाली सरकार के पास ऐसी जानकारी है जहां कई नेपाली मूल के लोग रूसी आर्मी की तरफ से लड़ते हुए मारे गए हैं. इस पर और बेहतर जानकारी जुटाने की मकसद से नेपाली हुकूमत जांच करा रही है.
माना जा रहा है कि करीब चार नेपाली लोगों को यूक्रेन की सेना (Army) पकड़ कर अपने साथ ले गई है. वहीं कम से कम 10 नेपाली लोगों की जंग लड़ते हुए मौत की खबरें हैं. हजारों लोग हर साल नेपाल से बाहर काम के सिलसिले में जाते हैं. इन सभी लोगों को नेपाली सरकार से इसके लिए अनुमति लेनी पड़ती है. नए आदेश के बाद रूस और यूक्रेन काम के सिलसिले में नेपाली लोग नहीं जा सकेंगे. सरकार इसके लिए उन्हें जरुरी परमिट (Parmit) नहीं देगी.
यूक्रेन की तरफ से भी लड़ रहे रूसी?
हालांकि ज्यादातर खबरें रूसी तरफ से लड़ने वाले नेपाली लोगों को लेकर ही हैं. पर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कुछ नेपाली लोग भाड़े के सिपाही के तौर पर यूक्रेन की तरफ से भी लड़ रहे हैं. हालांकि अब तक इन लोगों की संख्या कितनी है, किस तरह वह यूक्रेनी सेना के संपर्क में आए, फिलहाल किस हाल में है, जीवित हैं या मारे जा चुके, इसकी पूरी तरह से जानकारी नहीं है. नेपाल सरकार के आदेश पर अभी रूस और यूक्रेन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. आमतौर पर यूद्ध की स्थिति में किसी देश में न जाने की सलाह दी जाती है लेकिन यहां मामला थोड़ा जुदा है.
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