नई दिल्ली: नेपाल (Nepal) के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ (Prime Minister Pushpa Kamal Dahal ‘Prachanda’) ने बड़ा ऐलान किया है। प्रचंड की भारत यात्रा (Bharat Yatra) के बाद से ही दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार आता जा रहा है। अब प्रचंड ने अपने मित्र और पड़ोसी भारत (India) को अगले 10 वर्ष तक बड़ी मात्रा में बिजली सप्लाई (power supply) करने का भरोसा दिया है। प्रचंड ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार अगले 10 वर्षों में पड़ोसी देश भारत को निर्यात की जाने वाली बिजली को 450 मेगावाट से बढ़ाकर 10,000 मेगावाट करना चाहती है। प्रचंड ने यहां नेपाल बिजली प्राधिकरण (power authority) के 38वें वार्षिक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इस दिशा में दोनों देशों के बीच एक प्रारंभिक द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर भी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा, “नेपाल इस समय करीब 450 मेगावाट बिजली का निर्यात भारत को कर रहा है लेकिन हम अगले 10 वर्षों में इसे 10,000 मेगावाट तक ले जाने का इरादा रखते हैं।
पीएम प्रचंड के इस ऐलान से चीन (China) को करंट जरूर लगा होगा। चीन कभी नहीं चाहता कि भारत और नेपाल के रिश्ते अच्छे हों। तभी वह नेपाल में सरकार बनवाने और बिगड़वाने में भी अहम भूमिका निभाने का प्रयास करता है। चीन माओवादियों का समर्थक है। पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली चीन के कट्टर समर्थक थे। लिहाजा उन्होंने चीन को खुश करने के लिए भारत से अपने रिश्तों को भी बिगाड़ लिया था। उन्होंने भारतीय क्षेत्रों को अपना होने का दावा करना शुरू कर दिया था। चीन भी नेपाल का बैकडोर से समर्थन कर रहा था। इससे भारत और नेपाल के संबंध बिगड़ने लगे थे। चीन अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहा था। चीन पीएम प्रचंड को बरगलाने का प्रयास समय-समय पर करता रहता है। मगर उन्होंने जब से भारत से नजदीकी बढ़ाना शुरू किया तो चीन को मिर्ची लगने लगी।
प्रचंड ने किया भारत से वादा
नेपाल के पीएम प्रचंड ने कहा कि भारत की हालिया यात्रा के दौरान उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ चर्चा की थी। इस दौरान अधिशेष बिजली के कारोबार के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच होने के बारे में भी सहमति जताई गई थी। उन्होंने कहा कि नेपाल अपने पनबिजली क्षेत्र में व्यापक बदलाव कर रहा है और यह विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए अनुकूल माहौल बनाने में भी लगा हुआ है। अब अगले 10 वर्षों के दौरान नेपाल भारत को 10 हजार मेगावाट बिजली की सप्लाई करेगा। इससे दोनों देशों के संबंध और अधिक मजबूत होंगे।
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