काठमांडू। नेपाल में एक बार फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। राजधानी काठमांडू से 161 किलोमीटर दूर इसका केंद्र बताया जा रहा है। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.3 मापी गई। जान-माल के नुकसान की अभी कोई खबर नहीं है। बता दें कि इससे पहले 21 जून को अफगानिस्तान में भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी।
यहां 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। इसके बाद चारों तरफ बर्बादी और तबाही का ही आलम दिखाई दिया। अफगानिस्तान के एक अधिकारी के मुताबिक, इस भूकंप में अब तक 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। वहीं 1500 से ज्यादा लोगों के घायल होने की भी सूचना है। भूकंप के कारण सैंकड़ों घर भी तबाह हो चुके हैं।
कर्नाटक में भूकंप
आपदा प्रबंधन अधिकारी के अनुसार कर्नाटक के हासन जिले और पड़ोसी क्षेत्रों के कुछ हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.4 रही।
जानें क्यों आता है भूकंप?
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी होती हैं। इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहते हैं। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर कंपन करती रहती हैं और जब इस प्लेट में बहुत ज्यादा कंपन हो जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है।
जानिए भूकंप के केंद्र और तीव्रता का क्या मतलब है?
भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से धरती हिलने लगती है। इस स्थान पर या इसके आसपास के क्षेत्रों में भूकंप का असर ज्यादा होता है। अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है।
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