काठमांडू। नेपाल(Nepal) का उच्चतम न्यायालय(Supreme court) राष्ट्रपति विद्या भंडारी (President Vidya Bhandari) द्वारा संसद को भंग किए जाने के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओं पर सोमवार को अपना फैसला सुना सकता है। उम्मीद की जा रही है कि न्यायालय के इस फैसले से देश में महीनों से चल रहा राजनीतिक गतिरोध समाप्त हो जाएगा।
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (Prime Minister KP Sharma Oli) की सिफारिश पर राष्ट्रपति विद्या भंडारी (President Vidya Bhandari) ने पांच महीने में दूसरी बार 22 मई को संसद के निचले सदन को भंग (dissolution of the lower house of parliament)कर दिया था और 12 नवंबर तथा 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की थी। उनके इस कदम के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में 30 याचिकाएं दायर की गई हैं। 275 सदस्यीय सदन में विश्वास मत हारने के बाद प्रधानमंत्री ओली अभी अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं।
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