काठमांडू. नेपाल (Nepal) में राजशाही समर्थक (Monarchist supporter) राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने आज यानी 20 अप्रैल को एक बार फिर विरोध प्रदर्शन का एलान किया है, जिससे तनाव की स्थिति है। अब नेपाली गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (RPP) को चेतावनी दी है कि वे विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रतिबंधित क्षेत्रों का उल्लंघन न करें। आरपीपी आज राजधानी काठमांडू के बिजुलीबाजार इलाके में विरोध प्रदर्शन करेगी।
आरपीपी के एलान पर गृह मंत्रालय की चेतावनी
दरअसल राजशाही समर्थक आरपीपी ने विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकार द्वारा तय प्रतिबंधित क्षेत्रों को तोड़ने की अपनी मंशा को खुले तौर पर घोषित किया है। आरपीपी के अध्यक्ष राजेंद्र लिंगदेन ने कहा है कि वे राजशाही की बहाली और नेपाल को हिंदू राज्य के रूप में स्थापित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करते हुए प्रतिबंधित क्षेत्रों का उल्लंघन करेंगे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए गृह मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि कानून का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘गृह मंत्रालय ने 20 अप्रैल, 2025 को कानूनी रूप से तय किए गए निषिद्ध क्षेत्रों का उल्लंघन करने की योजना के बारे में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के नाम से जारी समाचार रिपोर्टों और सार्वजनिक बयानों को गंभीरता से लिया है।’ गृह मंत्रालय ने कहा कि संविधान और कानून के उल्लंघन को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों या समाज में अराजकता फैलाने के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने संसद भवन, सरकारी सचिवालय और शहर के अन्य संवेदनशील क्षेत्रों के आसपास सुबह से ही हजारों दंगा निरोधक पुलिसकर्मियों और सशस्त्र पुलिस बलों को तैनात किया हुआ है।
बैठकों का दौर जारी
नेपाल में राजशाही समर्थक विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए प्रधानमंत्री के आवास पर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और सीपीएन (माओवादी सेंटर) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल के बीच अहम बैठक हुई। इस बैठक में गणतांत्रिक व्यवस्था और लोकतंत्र के समर्थन में एकजुट होने पर सहमति बनी। गौरतलब है कि राजशाही समर्थक ताकतों ने राजशाही को बहाल करने के उद्देश्य से काठमांडू के तिनकुने इलाके में बीते मार्च के अंत में विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी और सैंकड़ों अन्य घायल हुए थे। रविवार के विरोध प्रदर्शन से पहले पूर्व राजा ज्ञानेंद्र ने भी अपने निवास पर आरपीपी के नेताओं और राजशाही समर्थक नेताओं से मुलाकात की थी।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved