काठमांडू (Kathmandu)। नेपाली प्रशासन (Nepali administration) ने सांप्रदायिक हिंसा (communal violence) को रोकने के लिए एक सीमावर्ती शहर में लगाए गए अनिश्चितकालीन कर्फ्यू (Indefinite curfew) को और तेज कर दिया है। प्रशासन ने भारत (India) से देश में आने वाले लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया।
काठमांडू (Kathmandu) से करीब 400 किलोमीटर पश्चिम में नेपालगंज में मंगलवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद हुई सांप्रदायिक झड़प (communal violence) में पांच सुरक्षाकर्मियों सहित कम से कम 22 लोग घायल (22 people injured) हो गए। झड़प के बाद बांके जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे शहर में मंगलवार दोपहर एक बजे से अनिश्चितकालीन कर्फ्यू (Indefinite curfew) लगा दिया।
बांके के मुख्य जिला अधिकारी बिपिन आचार्य ने कहा कि कर्फ्यू बढ़ा दिया गया है और जमुनहा प्वाइंट के माध्यम से नेपाल में प्रवेश करने वाले लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन शहर में स्थिति को शांत करने के लिए जल्द से जल्द एक सर्वदलीय बैठक आयोजित करेगा।
जमुनहा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मिन बहादुर बिस्ता के मुताबिक, अब तक भारत से आए 1,500 नेपालियों को सुरक्षित उस स्थान तक पहुंचाया गया है, जहां उनका गंतव्य है। उन्होंने कहा कि शिमला, कालापहाड़ और दिल्ली सहित भारत के विभिन्न स्थानों से नेपाली जिले में जमुनहा प्वाइंट के माध्यम से घर लौट रहे हैं।
इस बीच, स्थानीय प्रशासन ने सभी से स्थिति को आसान बनाने के लिए सहयोग करने और सोशल साइट पर सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को खतरे में डालने वाली कोई भी सामग्री अपलोड नहीं करने का आग्रह किया है। नेपालगंज स्थित राजनीतिक दलों, धार्मिक नेताओं, नागरिक समाज के कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों ने शहर में शांति और सद्भाव बहाल करने की अपील की है।
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