img-fluid

Nepal : हिंसक प्रदर्शन के बीच PM केपी शर्मा ओली ने बुलाई सुरक्षा प्रमुखों की बैठक, जल्द गिरफ्तार हो सकते हैं पूर्व राजा?

  • March 29, 2025

    नई दिल्ली. नेपाल (Nepal) में राजशाही (Monarchy) की पुनर्स्थापना की मांग को लेकर चल रहे प्रदर्शनों के दौरान हिंसा (violence) भड़क उठी है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए हैं. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) में सुरक्षा प्रमुखों की आपात बैठक बुलाई गई. नेपाली सेना के प्रधान सेनपति, नेपाल पुलिस तथा सशस्त्र प्रहरी बल के आईजीपी के साथ ही खुफिया विभाग के निदेशक प्रधानमंत्री आवास पर पहुंचे.

    विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट बैठक में काठमांडू में हुए हिंसक झड़प, आगजनी, तोड़फोड़ की घटना की जिम्मेदारी पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह (Former King Gyanendra Shah) पर ठहराते हुए गिरफ्तारी की चर्चा के लिए सुरक्षा प्रमुखों को बुलाया गया. कैबिनेट बैठक में सहभागी एक मंत्री के मुताबिक पूर्व राजा की गिरफ्तारी को लेकर सुरक्षा प्रमुखों की राय जानने और गिरफ्तारी के बाद उत्पन्न संभावित परिस्थितियों का आकलन किया जाएगा.


    नेपाल में कैसे बिगड़ा माहौल?
    राजशाही समर्थकों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पें काठमांडू के कई इलाकों में हुईं हैं. प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश की, जिसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस का उपयोग किया. इस दौरान, एक व्यावसायिक परिसर, शॉपिंग मॉल, एक राजनीतिक दल का मुख्यालय और एक मीडिया हाउस की इमारत में आग लगा दी गई, जिससे 12 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए.

    हवाई अड्डा बंद और उड़ानों पर प्रभाव
    हिंसा के कारण काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. बैंकॉक से एयर एशिया, ढाका से बांग्लादेश एयरलाइंस, दुबई से फ्लाई दुबई और सियोल से कोरियन एयर की उड़ानों को भारत में आपात लैंडिंग के निर्देश दिए गए हैं. इसी तरह, कतर एयरवेज, फ्लाई दुबई और बाटिक एयर की उड़ानों को भी रोक दिया गया है.

    अचानक कैसे उठी राजशाही की मांग?
    बता दें कि नेपाल ने 2008 में संसद द्वारा राजशाही को समाप्त कर दिया था, जिससे यह एक धर्मनिरपेक्ष, संघीय, लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया. हालांकि, हाल ही में राजशाही की बहाली की मांग तेज हो गई है, खासकर जब पूर्व राजा ग्यानेंद्र ने 19 फरवरी को लोकतंत्र दिवस के अवसर पर जनता से समर्थन की अपील की थी.

    इस महीने की शुरुआत में जब ग्यानेंद्र धार्मिक यात्रा से लौटे, तो त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बड़ी संख्या में राजशाही समर्थकों ने उनका स्वागत किया. प्रदर्शनकारियों ने “राजा वापस आओ, देश बचाओ”, “हमें राजशाही चाहिए” जैसे नारे लगाए. कुछ समर्थकों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें भी ग्यानेंद्र के साथ प्रदर्शित कीं.

    राजशाही समर्थन की बढ़ती लहर
    राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल में हिंदू राजशाही की बहाली की मांग को लेकर एक मजबूत आंदोलन आकार ले रहा है. इसका मुख्य कारण भ्रष्टाचार और आर्थिक गिरावट को लेकर जनता में बढ़ती निराशा है. नेपाल में 2008 के बाद से 13 सरकारें बदल चुकी हैं, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है.

    राजशाही समर्थकों का दावा है कि 9 मार्च को ग्यानेंद्र का स्वागत करने के लिए 4 लाख से अधिक लोग जुटे थे, जबकि समाचार एजेंसियों ने 10,000 के करीब लोगों की उपस्थिति का अनुमान लगाया.

    इस बिगड़ती स्थिति को संभालने के लिए, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई है. इस बैठक में देश की वर्तमान स्थिति और सुरक्षा उपायों पर चर्चा की गई. नेपाल में वर्तमान हालात चिंताजनक हैं, और सरकार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है.

    Share:

    भाजपा को वोट करें नहीं तो बंगाल में नहीं बचेंगे बंगाली हिन्‍दू, मिथुन ने कहा- बांग्लादेश तो केवल ट्रेलर है

    Sat Mar 29 , 2025
    नई दिल्‍ली । भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) में हिंदू वोट (Hindu Vote) को एकजुट करने की अपील करते हुए बांगलादेश (Bangladesh) का उल्लेख किया और कहा कि बांगलादेश ने केवल ट्रेलर दिखाया है, इसके बाद बंगाल में हिंदू बंगाली का अस्तित्व बच पाएगा या नहीं […]
    सम्बंधित ख़बरें
    खरी-खरी
    मंगलवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives

    ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved