भोपाल। प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव के नतीजे चौकाने वाले आए हैं। उपचुनाव में 19 सीट पर भाजपा और 9 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में इनमें से 27 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। खास बात यह है कि उपचुनाव में न तो गद्दार चला और न ही आयटम चला। कांग्रेस ने पूरे चुनाव को गद्दा और बिकाऊ के नाम पर लड़ा। जबकि भाजपा ने डबरा विधानसभा में प्रचार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा इमरती देवी को आयटम कहे जाने पर पूरे चुनाव में महिला अस्मिता से जुड़ा मुद्दा बनाया था, लेकिन जनता ने इमरती देवी को ही उपचुनाव में हरा दिया है। इस हार के साथ ही इमरती देवी की राजनीति लगभग खत्म हो गई है। इसके अलावा भी मंत्री गिर्राज दंडोतिया एवं ऐंदल सिंह कंषाना के राजनीतिक भविष्य पर भी संकट गहरा गया है। विधानसभा उपचुनाव में 25 प्रत्याशी ऐसे हैं, जो कांग्रेस से दलबदल भाजपा में आए। इन्होंने भाजपा के टिकट पर उपचुनाव लड़ा। इनमें से 11 मंत्रियों समेत 18 प्रत्याशी उपचुनाव जीत चुके हैं। जबकि 3 सीटों पर उपचुनाव पूर्व विधायकों के निधन की वजह से हुआ। इनमें से आगर और राजगढ़ कांग्रेस ने जीती है। जबकि एक सीट भाजपा ने जीती है। दल बदलकर फिर से चुनाव लड़े ज्यादातर मंत्रियों को जतना ने फिर से जिताकर भेज दिया है, लेकिन हारने वाले तीन मंत्रियों इमरती देवी, गिर्राज दंडोतिया और एंदल सिंह कंषाना को हरा दिया है। उपचुनाव में 2 पूर्व मंत्रियों समेत शिवराज सरकार के 14 मंत्री चुनाव मैदान में उतरे थे। इनमें से 11 मंत्री जीत चुके हैं। उधर, डबरा, दिमनी और सुमावली सीट में बड़ा उलटफेर हो गया। डबरा से मंत्री इमरती देवी, सुमावली से एंदल सिंह कंसाना और दिमनी से गिर्राज दंडोतिया चुनाव हार गए हैं।
जनादेश शिरोधार्य: कमलनाथ
उपचुनाव के नतीजों पर कमलनाथ ने कहा- हम जनादेश को शिरोधार्य करते हैं। हमने जनता तक अपनी बात पहुंचाने की पूरी कोशिश की। हम विपक्ष में रहकर अपनी जिम्मेदारियों को निभाएंगे।
कमलनाथ और दिग्विजय गद्दार: ज्योतिरादित्य
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उपचुनाव के रिजल्ट के बाद एक बार फिर कमलनाथ और दिग्विजय पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- नतीजों ने साबित किया है कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह गद्दार हैं। दरअसल, भाजपा में शामिल होने के बाद लगातार कांग्रेस नेता उन्हें गद्दार कहते थे। कांग्रेस ने पूरा उपचुनाव सिंधिया और उनके समर्थकों को गद्दार बताकर लड़ा था। कांग्रेस ने उपचुनाव में सिंधिया के पूर्वजों को भी घसीटा।
स्टार प्रचारकों ने की थी ताबड़तोड़ सभाएं
सरकार गिराने और बचाने वाले इस विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस और भाजपा के स्टार प्रचारकों की सभाओं और रोड शो का जादू नहीं चला। यही वजह है कि जहां स्टार प्रचारकों ने ज्यादा ताकत झोंकी, वहां उनकी पार्टी के प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा। मसलन, ग्वालियर पूर्व और डबरा विधानसभा सीट पर राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ऐड़ी चोटी का जोर लगाया। सिंधिया ने 4 और शिवराज ने 2 से 3 सभाएं और 1-1 रोड शो अपने प्रत्याशियों के समर्थन में किए, लेकिन दोनों सीटों पर कमल नहीं खिला पाए। डबरा में तीन बार से विधायक चुनीं जा रहीं इमरती देवी भाजपा की प्रत्याशी थीं लेकिन वे हार गईं। इसी तरह ग्वालियर पूर्व से मुन्नालाल गोयल भी जीत दोहरा नहीं पाए। इसके उलट ग्वालियर सीट पर कांग्रेस की जीत के लिए पूर्व सीएम कमलनाथ ने ताकत झोंकी। उन्होंने जिले में सबसे अधिक 02 सभाएं यहीं की और एक रोडशो भी सुनील शर्मा के समर्थन में किया, लेकिन वे इस सीट पर नहीं जीत पाए। यहां से भाजपा के प्रद्युम्न सिंह तोमर जीते। तीनों सीटों पर उछाले गए मुद्दे किसी काम नहीं आए। कांग्रेस का दलबदल और बिकाऊ वाला आरोप काम कर गया।
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