श्रीनगर। जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) के रियासी जिले में रविवार को ग्रामीणों ने भारी हथियारों से लैस लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के दो आतंकवादियों को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था। दोनों आतंकवादियों की गिरफ्तारी को बड़ी सफलता बताते हुए अधिकारी ने कहा कि वे रियासी के अलावा सीमावर्ती जिलों- राजौरी और पुंछ में फिर से आतंकवाद फैलाने (spreading terrorism) का प्रयास कर रहे थे। ग्रामीणों (villagers) ने इस घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
एक ग्रामीण ने बताया, “दो बंदे आए थे। उन्होंने कहा कि फोन स्वीच ऑफ कर दो। इसके बाद उसने कहा कि मुझे बाथरूम जाना है। बाहर निकलकर उसने मुझे फोन किया और कहा कि इधर कोई आया है। आप लोग फोन मत करना नहीं तो मुझे मार देंगे। हम वहां पर पहुंचे और खिड़की से देखा। ये सारे सोए हुए थे। उस समय बारिश बहुत ज्यादा हो रही थी। लाइट आई तो हमने उनके बैग देखे। एक शख्स से अपना बैग बाहर निकाला।”
उपराज्यपाल-पुलिस महानिदेशक ने ग्रामीणों की तारीफ की
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Lieutenant Governor Manoj Sinha) और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने ग्रामीणों के साहस की प्रशंसा की और उनके लिए नकद इनाम की घोषणा की। अधिकारियों ने कहा कि घटना तुकसन ढोक गांव में हुई और पकड़े गए आतंकवादियों में राजौरी जिले का निवासी लश्कर कमांडर तालिब हुसैन शामिल है, जो जिले में पिछले दिनों हुए आईईडी विस्फोटों का षडयंत्रकर्ता भी था।
बहादुरी के लिए पांच लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा
सिंह ने कहा कि उपराज्यपाल ने ग्रामीणों के साहस की सराहना की और उनकी बहादुरी के लिए पांच लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा की, जबकि पुलिस महानिदेशक ने उनके लिए दो लाख रुपये के नकद इनाम की घोषणा की। मालूम हो कि दोनों की गिरफ्तारी 28 जून को राजौरी जिले में हुसैन के नेतृत्व वाले मॉड्यूल का खुलासा करने के बाद हुई, जो जिले में हाल में हुए विस्फोटों में शामिल था। संगठन के दो गिरफ्तार आतंकवादियों के पास से पांच आईईडी बरामद किए गए थे। हुसैन फरार हो गया था और सुरक्षा बलों के जाल से बचने के लिए पास के रियासी जिले में चला गया था।
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