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    न कटेगी बिजली, न ही ब्लैकआउट का खतरा, कोयला मंत्री बोले- 24 दिनों की मांग के बराबर है कोयले का स्टॉक

  • October 10, 2021

    डेस्क: उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत कई राज्यों ने बिजली संकट को लेकर चिंता जाहिर करते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से कोयले की आपूर्ति जल्द से जल्द करने को कहा है, ताकि राज्य को ब्लैकआउट के संभावित संकट से बचाया जा सके. हालांकि, इस मुद्दे पर सरकार ने साफ कर दिया है कि देश में किसी प्रकार का बिजली संकट नहीं है.

    कोल इंडिया लिमिटेड के पास पर्याप्त कोयले का स्टॉक है. केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, बिजली आपूर्ति बाधित होने का बिल्कुल भी खतरा नहीं है. कोल इंडिया लिमिटेड के पास 24 दिनों की कोयले की मांग के बराबर 43 मिलियन टन का पर्याप्त कोयले का स्टॉक है.

    सीआईएल के पास 400 लाख टन से अधिक का स्टॉक
    कोयला मंत्रालय ने भी आश्वस्त किया कि बिजली संयंत्रों की मांग को पूरा करने के लिए देश में पर्याप्त कोयला उपलब्ध है. मंत्रालय ने कहा, बिजली आपूर्ति बाधित होने की आशंका पूरी तरह गलत है. बिजली संयंत्र में कोयले का स्टॉक लगभग 72 लाख टन है, जो 4 दिनों की आवश्यकता के लिए पर्याप्त है और कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के पास 400 लाख टन से अधिक का स्टॉक है, जिसे बिजली संयंत्रों की आपूर्ति की जा रही है.

    कोयला कंपनियों से कोयले की आपूर्ति में तेजी से इस वर्ष (सितंबर 2021 तक) घरेलू कोयला आधारित बिजली उत्पादन में लगभग 24% की वृद्धि हुई है. बिजली बनाने वाले संयंत्रों में कोयले की जरूरत औसतन करीब 18.5 लाख टन प्रतिदिन है जबकि दैनिक कोयले की आपूर्ति लगभग 17.5 लाख टन प्रतिदिन है. बारिश के कारण कोयले को संयंत्रों तक पहुंचाने में परेशानी हुई, लेकिन अब इसे ठीक किया जा रहा है.


    देश में बढ़ते कोयला संकट के बीच केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि कोयले की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि के कारण बिजली उत्पादन घटा है लेकिन यह स्थिति तीन-चार दिन में ठीक हो जाएगी. उन्होंने कहा कि देश के कई इलाकों में अत्यधिक वर्षा से भी बिजली उत्पादन संयत्रों में कोयले की कमी हुई है.

    जोशी ने कहा, ‘हम अगर आप पिछले कई वर्षों से तुलना करेंगे तो सितंबर माह के दौरान कोयला का उत्पादन और आपूर्ति उच्चतम स्तर पर हुई है और विशेष कर अक्टूबर महीने के दौरान. अगले तीन से चार दिनों में स्थिति ठीक हो जाएगी.’ उन्होंने कहा कि आयातित कोयले की अंतरराष्ट्रीय कीमत अचानक से बढ़ गई है. आयातित कोयले का इस्तेमाल करने वाले बिजली संयंत्रों ने बिजली उत्पादन बंद कर दिया. उन्होंने उत्पादन बंद कर दिया है इसलिए बिजली उत्पादन का पूरा भार अब घरेलू कोयले पर है.

    कोयला क्षेत्र के क्षेत्रों में भारी बारिश के बावजूद, सीआईएल ने इस वर्ष ऊर्जा क्षेत्र को 255 मीट्रिक टन से अधिक कोयले की आपूर्ति की थी जो कि सीआईएल से ऊर्जा क्षेत्र को अब तक की सबसे अधिक एच-1 आपूर्ति है. सभी स्रोतों से होने वाले कुल कोयले की आपूर्ति में से, वर्तमान में सीआईएल से विद्युत क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति 14 लाख टन प्रतिदिन से अधिक है और घटते बारिश के साथ, यह आपूर्ति पहले ही बढ़कर 15 लाख टन कर दी गई है और इसे अक्टूबर 2021 तक 16 लाख टन तक प्रति दिन तक बढ़ने की संभावना है.

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