उज्जैन। नगर निगम के नए भाजपा के बोर्ड को बने 3 माह से अधिक समय हो गया है लेकिन अभी तक भाजपा के झोन अध्यक्ष और एमआईसी सदस्य पूरी तरह नहीं बन पाए हैं, इसके पीछे भाजपा के नेताओं की गुटबाजी को माना जा रहा है। कांग्रेसी भी इस स्थिति के मजे ले रहे हैं और कह रहे हैं कि अनुशासन की बात करने वाली भाजपा में पदों को लेकर लड़ाई हो रही है।
भारतीय जनता पार्टी के इस नगर निगम चुनाव में 37 पार्षद जीत कर आए और इनमें से कई वरिष्ठ पार्षद तो दो से तीन बार लगातार जीतते आ रहे हैं लेकिन अभी तक गुटबाजी के चलते नगर निगम में रिक्त पड़े 5 एमआईसी के सदस्य अभी तक नहीं बनाए जा सके हैं, जबकि नगर निगम में 10 एमआईसी सदस्य बनाने का प्रावधान है। वर्तमान में 5 एमआईसी सदस्य बनाए गए हैं, इनमें तीन उत्तर विधानसभा क्षेत्र के हैं और दो दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के हैं। अभी पांच और एमआईसी सदस्य बनाना है लेकिन इसके गठन को लेकर अभी तक कोई कवायद नहीं हो पाई है। इसी प्रकार नगर निगम के 6 झोन में अध्यक्ष नियमानुसार बोर्ड गठन के 1 महीने में हो जाना चाहिए लेकिन अभी तक इस काम को भी लटका रखा है। भाजपा के 37 में से वर्तमान में 8 पार्षद ही पदों पर उपकृत हो पाए हैं, बाकी पार्षद राह तक रहे हैं।
यह पार्षद अभी भी एमआईसी से वंचित
कई पार्षद दो से तीन चुनाव लड़ चुके हैं और जीत चुके हैं लेकिन उन्हें एमआईसी में नहीं लिया गया। ऐसे पार्षदों में प्रकाश शर्मा, सत्यनारायण चौहान, रामेश्वर दुबे, गब्बर भाटी, दिलीप परमार शामिल हैं लेकिन इन्हें एमआईसी में भी मौका नहीं दिया गया, वहीं अन्य कोई पद अभी तक नहीं दिया गया है।
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