समीर नेहा की सपोर्ट में खड़े हैं। उन्होंने नेहा की गेम स्ट्रैटेजी पर कहा, देखिए जो बिग बॉस के घर जाता है, तो उसका पहला टारगेट यही होता है कि गेम को अच्छे से खेलना और ट्रॉफी को जीतकर आना। रही बात नेहा की, तो पहले हफ्ते तो नेहा को सबकुछ समझने और अडजस्ट करने में लग गए हैं। वहीं दूसरे हफ्ते उनके अंदर इमोशनल तूफान नजर आया,अब तीसरे हफ्ते उन्हें गेम की समझ आ रही है, कहां क्या बोलना चाहिए।
कहने का मतलब यही है कि एक घर में अगर आप दस लोगों को बंद कर दो, तो जो भी वहां के डायनामिक्स हैं,वो असल जिंदगी के होंगे नहीं। वहां की जो लड़ाईयां, दोस्ती, प्यार होती हैं, वो आपस वालों के बीच ही संभव है। इन चीजों को समझने के लिए आपका उस सिचुएशन में होना बहुत जरूरी है। मुझे तो नेहा को देखकर अच्छा लग रहा है, वो अच्छा खेल भी रही हैं।
मेरी जानकारी में जितने लोग भी बिग बॉस देखते हैं, उनके जेहन में शो को लेकर यही बात है कि लड़ाई-झगड़ा ही इसकी यूएसपी है। इसका दूसरा पहलू यह भी है कि लोगों के लिए यह जरिया भी है, जिससे आपको एक्सपोजर भी मिलता है। सोशल मीडिया पर भी हम स्टोरीज डालते रहते हैं, ऐसे में अगर कोई बड़ा प्लैटफॉर्म मिल जाए, तो इसे मौके की तरह की देखना चाहिए। नेहा को बिग बॉस की टीम एक लंबे समय से फॉलो कर रही थी। उसे लगा कि इस साल जाना चाहिए, तो उन्होंने यह फैसला लिया।
सोशल मीडिया पर नेहा की ट्रोलिंग पर समीर ने कहा, इंटरनेट पर नेहा कई बार ट्रोल हो चुकी है। वो अब कल्चर बन चुका है। फैंस अगर एक दूसरे को नीचा दिखातें भी है, तो इससे फर्क नहीं पड़ता है। आपको निगेटिव कमेंट से दिक्कत होने लगे, तो आप पब्लिक डोमेन में जाएं ही न। अगर सिलेब्रिटी होने के फायदे हैं, तो इसका नुकसान भी आपको ही झेलना है। इस गेम में मैंने जो समझा है कि लॉयल फैंस मिलकर दूसरे सिलेब्रिटी को नीचा गिराने की कोशिश करते हैं।
प्रतीक सेहजपाल (Prateek Sehjpal) से कनेक्शन पर समीर कहते हैं। उन दोनों को देखकर तो यही लग रहा है कि दो स्कूल के बच्चे हैं। जो हंस रहे हैं, खेल रहे हैं, कभी लड़ेंगे, तो कभी झप्पी लेंगे। नेहा के जो करीबी हैं, सब जानते हैं कि नेहा ऐसी ही है। बाहर के लोगों को भले शॉक्ड लग रहा हो। वो सबके साथ मस्ती करती है, सबको छेड़ती है, बस उतना ही। वो हार्मलेस है। अगर प्रतीक के फैंस को बुरा लग रहा है, तो फिर ये उनका प्रॉब्लम है।
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