भिंड। मध्यप्रदेश के भिंड जिले में टीकाकरण अभियान (vaccination campaign) के दौरान एक बड़ी लापरवाही (great carelessness) सामने आई हैं. जिले के गोहद ब्लॉक से एक मामला सामने आया है. जहां भगवासा निवासी धर्मेंद्र सिंह को दो अलग-अलग वैक्सीन (Vaccine) लगा दी गईं. मामले में स्वास्थ्य विभाग (health Department) गलती मनाने की बजाय युवक पर ही दोष मढ़ने में लगा है.
9 जून को धर्मेंद्र सिंह ने गोहद स्थित शासकीय कन्यशाला टीकाकरण केंद्र में को-वैक्सीन लगवाई थी. एक महीने पूरे होने पर उसे दूसरे डोज के लिए मैसेज आया. वह दोबारा उसी केंद्र पर पहुंचा. उसने स्टाफ को बताया कि उसे पहले कोवैक्सीन लगी है. जिस पर स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा कि इससे कोई दिक्कत नहीं है. दोनों टीके कारगर हैं. और उसे कोविशील्ड लगा दी गई. जब घर पहुंचा तो उसके मोबाइल कोविशील्ड का पहला डोज़ लगने का मैसेज मिला.
न अधिकारी सुन रहे, न ही CM हेल्पलाइन में दर्ज हो रही शिकायत
अपने साथ हुई इस लापरवाही की शिकायत पीड़ित धर्मेंद्र ने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से भी की लेकिन वे उसकी गलती होने की बात कह मामला दबाने की कोशिश में जुट गए. जिसके बाद पीड़ित ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत के लिए 181 पर फ़ोन किया, पीड़ित ने बताया की सीएम हेल्पलाइन पर भी इसकी शिकायत दर्ज नहीं की गयी. उसे माना कर दिया गया.
अलग-अलग नंबर की वजह से हुआ ऐसा
धर्मेंद्र ने बताया की उसके साथ हुई इस बड़ी लापरवाही को लेकर जब शिकायत की तो गोहद बीएमओ डॉ. आलोक शर्मा का फ़ोन भी आया. उन्होंने जब उससे पूछा की तुमने रजिस्ट्रेशन के समय दोनों बार मोबाइल नम्बर अलग दिए हैं तो उसने बताया कि वह दोनों ही नम्बर इस्तेमाल करता है. इसलिए हो सकता है कि उसने अलग नम्बर दिया हो. इस पर बीएमओ ने कहा इसीलिए तुम्हारे साथ ऐसा हुआ है.
स्वास्थ्य विभाग कह रहा अलग कहानी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजीत मिश्रा ने कहा कि दोनों ही बार धर्मेंद्र ने अलग-अलग मोबाइल नम्बर बताए जिसकी वजह से उसकी दो अलग-अलग आईडी बनी. उसी के तहत वैक्सीन लगी है. वहीं उनसे जब सवाल किया गया की आधार नम्बर से मैच नहीं किया गया तो उनका कहना था की मोबाइल नम्बर और आधार नम्बर दोनों ही का मिलान होने पर ही सही जानकारी उपलब्ध होती है. अन्यथा नई आईडी बन जाती है.
जिले में दूसरी बार हुआ ऐसा
बता दें कि जिले में यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी भिंड के बिक्रमपुरा केंद्र पर एक महिला को ड्यूटी नर्स ने एक साथ दो डोज़ लगा दिए थे. तब भी स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी कार्रवाई की बजाय गलतियों पर पर्दा डालते नज़र आए थे.
पीड़ित को दो दिन से आ रहे चक्कर
जब इस मामले में धर्मेंद्र सिंह से बात की गई तो वह डरा हुआ लगा. उसने बताया, ”मुझे महीने भर पहले पहला डोज़ कोवैक्सीन का लगा था, 7 जुलाई को दूसरा डोज़ लगवाने का मैसेज आया था. केंद्र पर पहुंचा और बताया भी कोवैक्सीन का दूसरा डोज़ लगना है. कर्मचारियों ने कहा दोनों बराबर हैं और वैक्सीन लग दी, घर आने पर मैसेज से पता चला की दूसरी बार में कोविशील्ड का पहला डोज़ लगा दिया है. लापरवाही पर सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline) पर शिकायत लेकिन उन्होंने भी शिकायत दर्ज नहीं की, दो दिन से चक्कर आ रहे हैं, सिर में दर्द है. समझ नहीं आ रहा अब कोवैक्सीन का दूसरा डोज़ लगवाऊं या नहीं.
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