भोपाल। सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों का वेतन रोका जाएगा। हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा की थी, इनमें शिकायतों के निराकरण में निराशाजनक परिणाम देखने के बाद वे विभाग प्रमुखों पर नाराज हुए थे और इन प्रकरणों को सुलझाने में गंभीरता नहीं बरतने वाले अधिकारियों की वेतनवृद्धि रोकने को कहा था, जिसके बाद लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) ने ऐसे अधिकारियों की सूची मुख्यालय तलब की है और इन अधिकारियों का अप्रैल का वेतन रोकने के आदेश दिए हैं। इसी तरह अन्य विभाग भी ऐसे लापरवाह अधिकारियों को सूची बना रहे हैं। आदेश के बावजूद यदि अप्रैल का मासिक वेतन आहरण किया जाता है तो संबंधित कार्यपालन यंत्री/ आहरण संवितरण के विरूद्ध वरिष्ठ कार्यालय के निर्देशों की अवहेलना मानते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सीएम हेल्पलाइन प्रकोष्ठ द्वारा अप्रैल की जारी होने वाली मासिक ग्रेडिंग की समीक्षा के बाद ही जिलेवार मासिक ग्रेडिंग की सूची में ए ग्रेड की श्रेणी में शामिल होने के बाद ही वेतन आहरण किया जाएगा।
23 जिलों के अधिकारियों के वेतन भुगतान पर रोका
पीएचई के प्रमुख अभियंता संजय कुमार अंधवान ने 23 जिलों भिंड, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, टीकमगढ़, मुरैना, इंदौर, रतलाम, खरगोन, झाबुआ, धार, बैतूल, भोपाल, रायसेन, विदिशा, नर्मदापुरम, सतना, जबलपुर, सिवनी, मंडला, कटनी, रीवा और छिंदवाड़ा जिले के आहरण संवितरण अधिकारियों को पत्र जारी कर अप्रैल का माह का वेतन रोकने को आदेश दिए हैं।
समस्याओं के निराकरण में रुचि नहीं ले रहे अधिकारी
सीएम हेल्पलाइन प्रकोष्ठ द्वारा मार्च 2023 की मासिक ग्रेडिंग में 20 अप्रैल को जारी कर गई थी। जिसकी ग्रेडिंग -बी श्रेणी रही है और प्रदेश के विभाग को 9वां स्थान प्राप्त हुआ है। पीएचई के प्रमुख अभियंता ने पत्र जारी कर कहा कि इस वजह से विभाग की छवि प्रभावित हुई है। विभाग का मानना है कि अधिकारियों -कर्मचारियों द्वारा आमजन की समस्याओं के निराकरण में रुचि नहीं ली जा रही है और वरिष्ठ कार्यालय के निर्देश का उल्लंघन किया जा रहा है।
जिससे विभागों की विगत कई माहों से ग्रेडिंग प्रभावित हो रही है।
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