नई दिल्ली(New Delhi) । नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (National Testing Agency) ने कहा है कि पटना के 12 केंद्रों (Centers)से केवल 175 और गोधरा के दो केंद्रों(Two centers of Godhra) से 8 अभ्यर्थी ही नीट यूजी परीक्षा(NEET UG Exam) में 640 या उससे अधिक अंक प्राप्त करने में सफल रहे। जांच के दायरे में आए गोधरा केंद्रों से किसी भी अभ्यर्थी ने 680 या उससे अधिक अंक प्राप्त नहीं किए, और पटना केंद्रों से केवल 35 उम्मीदवारों ने यह स्कोर प्राप्त किया। एनटीए ने दावा किया है कि नीट का पेपर सिस्टेमैटिक लीक नहीं हुआ है। नीट के अधिकारियों ने बताया कि शीर्ष 1000, 5000 और 10,000 अभ्यर्थी 800 से अधिक एग्जाम सेंटरों से हैं और जरूरी नहीं कि वे जांच के दायरे में आए परीक्षा केंद्रों के समूह से हों।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एनटीए ने कहा है कि उसके डेटा विश्लेषण से पता चलता है कि पटना से बाहर बड़े लेवल पर पेपर लीक का संकेत नहीं मिला है। एनटीए डेटा एनालिसिस में यह भी कहा गया है कि जिस उम्मीदवार की टेस्ट बुकलेट की जांच की गई थी, उसे केवल 103 अंक मिले थे। टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक एनटीए के एक अधिकारी ने कहा, “बिहार पुलिस ने जिस रोशनी नाम की लड़की की बुकलेट जब्त की थी, उसके 720 में से 103 अंक हैं।” परीक्षा एजेंसी के अधिकारियों ने दावा किया कि शीर्ष 11,000 रैंक के डेटा विश्लेषण से 800 से अधिक केंद्रों में एक समान वितरण दिखाई दिया। डेटा विश्लेषण के बारे में बताते हुए एक अधिकारी ने कहा कि कथित लीक के बाद एनटीए ने न केवल शीर्ष स्कोर पाने वालों की बल्कि शीर्ष 100 से आगे के रैंकर्स के लोगों की भी जांच की।
अधिकारी ने कहा, “हमने हजारों उम्मीदवारों के प्रत्येक समूह के स्कोरिंग पैटर्न और उनके मार्क्स वितरण पर गौर किया। जैसे शीर्ष नीट यूजी के टॉप 1000 उम्मीदवार 800 केंद्रों में फैले हुए हैं।” उन्होंने कहा कि शीर्ष 1 लाख उम्मीदवार, जिनके एमबीबीएस या डेंटल सीट पाने की सबसे अधिक संभावना है, 4,750 केंद्रों में से 4,500 केंद्रों से हैं। इन सब बातों से यह आरोप गलत साबित होता है कि टॉपर्स विशिष्ट केंद्रों में केंद्रित थे। उन्होंने कहा, “अगर हम शीर्ष 5,000 उम्मीदवारों जैसे छोटे समूहों की भी जांच करें, तो वे भी 780 केंद्रों से हैं।”
5 मई को आयोजित हुई मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी देने वाले 23 लाख उम्मीदवारों में से 13 लाख से ज्यादा उम्मीदवार एग्जाम में पास हुए। अधिकारी ने तर्क दिया कि अगर कथित तौर पर व्यापक गड़बड़ियां और प्रश्नपत्रों तक पहुंच होती, तो पटना और गोधरा के लिए क्वालिफिकेशन एवरेज बहुत ज्यादा होता। अधिकारी ने कहा, “पटना और गोधरा के लिए क्वालिफाइंग एवरेज न केवल राष्ट्रीय औसत से कम है, बल्कि उनके पड़ोसी शहरों और केंद्रों से भी कम है।”
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