डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने NEET UG 2021 परीक्षा को पुनर्निर्धारित करने या स्थगित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को आदेश देने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। सोमवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस सीटी रविकुमार की की खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि अदालत छात्रों के एक वर्ग की असुविधा का हवाला देते हुए परीक्षा कार्यक्रम में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है।
सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सीबीएसई कक्षा 12वीं के प्राइवेट, पत्राचार और कम्पार्टमेंट परीक्षा देने वाले छात्रों के एक समूह द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें नीट यूजी 2021 परीक्षा को स्थगित करने की मांग की गई थी, जो कि 12 सितंबर से शुरू होने वाली है। कोर्ट ने इस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। हालांकि, शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता अपनी शिकायतों को सक्षम अधिकारियों के समक्ष उठाने के लिए स्वतंत्र होंगे।
जब याचिकाकर्ताओं के वकील शोएब आलम ने कहा कि कक्षा 12वीं के लिए लगभग 25,000 छात्र या तो सुधार या कंपार्टमेंट परीक्षाओं में शामिल होंगे। आलम ने तर्क दिया कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2021 को स्थगित कर दिया जाए, क्योंकि सीबीएसई समेत कई अन्य परीक्षाएं 12 सितंबर के आसपास निर्धारित हैं।
इस पर पीठ ने कहा कि केवल एक प्रतिशत उम्मीदवार ही इसके लिए जाते हैं। आप जिन तर्कों को रख रहे हैं, वे 99 प्रतिशत उम्मीदवारों के लिए प्रासंगिक नहीं हो सकते हैं। एक प्रतिशत उम्मीदवारों के लिए, पूरी परीक्षा प्रणाली को नहीं रोका जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि हम इस याचिका पर विचार नहीं करेंगे। हम अनिश्चितता नहीं चाहते हैं। परीक्षा जारी रहने दें।
पीठ ने कहा, यदि आपको कई परीक्षाओं में शामिल होना है, तो आपको चुनाव करने की जरूरत है, आपको प्राथमिकता देनी होगी। आपको यह भी पता होना चाहिए कि किसी भी स्थगन का किसी अन्य परीक्षा के साथ टकराव होने की संभावना है।
बता दें कि 03 सितंबर को, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी, भले ही सीबीएसई के परिणाम तब तक घोषित न किए जाएं।एनटीए ने कहा, परिणाम की घोषणा न करने तक छात्रों को परीक्षा में बैठने से नहीं रोका जाएगा और परिणाम केवल काउंसलिंग के दौरान ही मांगे जाएंगे।
गौरतलब है कि सीबीएसई कक्षा 12वीं के प्राइवेट, पत्राचार और कम्पार्टमेंट परीक्षा देने वाले छात्रों के एक समूह द्वारा दायर याचिका में 12 सितंबर को नीट यूजी 2021 के आयोजन के सार्वजनिक नोटिस को स्पष्ट रूप से मनमाना और भारत के संविधान के अनुच्छेद-14 का उल्लंघन बताते हुए रद्द करने की मांग की गई है।
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