नई दिल्ली: NEET PG 2022 के उम्मीदवारों की एक साल की इंटर्नशिप की 31 जुलाई तक की सीमा को बढ़ाने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. याचिका में कहा गया था कि केरल, बिहार और जम्मू-कश्मीर में इंटर्नशिप की शुरुआत देर से हुई है, जिससे वहां के छात्रों को नीट-पीजी 2022-23 के रजिस्ट्रेशन में दिक्कत होगी. याचिकाकर्ता ने पिछली सुनवाई में कहा था कि परीक्षा मई में है और जून में रिजल्ट घोषित होंगे. ऐसे में कोरोना ड्यूटी की वजह से इंटर्नशिप पूरी नहीं कर पाए.
मेडिकल छात्रों ने अनिवार्य इंटर्नशिप सर्टिफिकेट की पात्रता मानदंड को चुनौती दी थी जिन्हें कोविड ड्यूटी पर रखा गया था. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि 5वें साल वाले छात्रों को कोविड ड्यूटी पर रखा गया था, उनकी ड्यूटी को इंटर्नशिप अवधि के रूप में गिना जाना चाहिए नहीं तो वे एक साल की पढ़ाई से हाथ धो बैठेंगे.
सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि उम्मीद है कि सरकार छात्रों को नकारने के बजाय विकल्पों को सामने रखेगी. इंटर्नशिप सर्टिफिकेट दाखिल करने के लिए कट ऑफ डेट 31 मई से बढ़ाकर 31 जुलाई 2022 करने से कई राज्यों के छात्र अब भी परीक्षा के लिए क्वालीफाई करने में असमर्थ होंगे.
MOHFW ने राज्यों को कोविड ड्यूटी पर मेडिकल इंटर्न तैनात करने के लिए अधिकृत किया था और हल्के और मध्यम रोगियों की निगरानी के लिए 5वें ईयर के छात्रों को तैनात करने की अनुमति दी थी. कुछ राज्यों में कोविड के कारण बाद में इंटर्नशिप शुरू हुई. केरल में इंटर्नशिप अगस्त में शुरू हुई, अक्टूबर में बिहार, सितंबर में यूपी, नवंबर में जम्मू-कश्मीर. ऐसे में एक वर्ष की अवधि 31 जुलाई, 2022 तक पूरी नहीं होगी. इससे छात्र कट-ऑफ डेट को पूरा नहीं कर पाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से MoHFW के विचार जानने का अनुरोध किया था. जज ने अनुरोध स्वीकार किए जाने पर कैस्केडिंग प्रभाव के कारण याचिकाकर्ता के अनुरोध को स्वीकार करने में कठिनाई बताई थी. परीक्षा 21 मई 2022 को निर्धारित है. काउंसलिंग जुलाई के तीसरे सप्ताह में होगी. कक्षाएं 01 अगस्त 2022 तक शुरू होंगी.
कोर्ट ने यह भी कहा है कि कोविड ड्यूटी सभी विशिष्टताओं को कवर नहीं करती है, इसलिए इंटर्नशिप के हिस्से के रूप में कोविड ड्यूटी को अनुमति देना पाठ्यक्रम के साथ छेड़छाड़ होगा. पिछले आदेश को पारित करते समय, अदालत को जानकारी थी कि इंटर्नशिप का विस्तार पॉलिसी डोमेन में है. सरकार ने कट ऑफ 31 मई से बढ़ाकर 31 जुलाई कर दी है. कट ऑफ का कोई और विस्तार शिक्षा कार्यक्रम को बाधित करेगा. ऐसे निर्देश जारी करना उचित नहीं है.
कोविड ड्यूटी की अनुमति देने का आदेश पारित करने से अदालत शिक्षा का सूक्ष्म प्रबंधन भी करेगी. अदालत ने कहा कि वह मामले में हस्तक्षेप करना उचित नहीं समझती है. जस्टिस डीवाईसी ने कहा, “जब हम प्रशासनिक पक्ष में बैठते हैं तो हमें एहसास होता है कि यह मुश्किल हो गया है. न्यायिक पक्ष में हम कानून और समानता लागू कर सकते हैं.”
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