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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा NEET परीक्षा के रिजल्ट का विवाद, आज होगी सुनवाई

नई दिल्ली (New Delhi)। नीट प्रवेश परीक्षा 2024 (NEET entrance exam 2024) के रिजल्ट आने के बाद घमासान मचा हुआ है. नीट परीक्षा 2024 रिजल्ट (NEET exam 2024 result) का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. मेडिकल फील्ड (Medical field) में खलबली मचाने वाले इस नीट 2024 की लड़ाई अब सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक पहुंच गई है. नीट यूजी परीक्षा 2024 रिजल्ट (NEET UG Exam 2024 Result) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका दायर की गई है. इस याचिका में नीट यूजी परीक्षा 2024 को रद्द करने की मांग की गई है. इस याचिका में 4 जून को आए नीट यूजी रिजल्ट के आधार पर होने वाली काउंसलिंग पर रोक लगाने की मांग की गई है. माना जा रहा है कि आज यानी 11 जून को इस याचिका पर सुनवाई होगी।


दरअसल, तेलंगाना के रहने वाले अब्दुल्ला मोहम्मद फैज और आंध्र प्रदेश के रहने वाले डॉ. शेख रोशन मोहिद्दीन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इसमें परीक्षा रद्द करके इसके दोबारा आयोजित कराने की मांग की गई है. देश के कई हिस्सों में छात्र सड़क पर उतर चुके हैं. नीट एग्जाम रिजल्ट में धांधली का आरोप लगाकार छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली-जबलपुर से लेकर ग्वालियर और सीकर से लेकर हनुमानगढ़ में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं।

क्यों नाराज हैं छात्र?
याचिकाकर्ताओं ने नीट यूजी परीक्षा 2024 में ग्रेस मार्क्स देने में मनमानी का आरोप लगाया है. एक परीक्षा केंद्र के 67 परीक्षार्थियों को पूरे 720 अंक मिले हैं, इस पर भी याचिकाकर्ताओं ने संदेह जताया है. सुप्रीम कोर्ट में दायर नई याचिका में पांच मई को आयोजित नीट यूजी परीक्षा का पेपर लीक होने की व्यापक शिकायतों का भी हवाला दिया गया है. इससे पहले भी पेपर लीक होने के आधार पर परीक्षा रद्द करने की मांग वाली दो याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर हो चुकी हैं. 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी ही एक याचिका पर नोटिस जारी किया था. लेकिन तब सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा के रिजल्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

एनटीए ने कमेटी गठित की
इस बीच नीट-यूजी में अंक बढ़ाए जाने के आरोपों के बीच राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने कृपांक पाने वाले 1,500 से अधिक अभ्यर्थियों के परिणामों की समीक्षा के लिए चार सदस्यीय एक समिति गठित की है. एनटीए ने किसी भी अनियमितता का खंडन करते हुए कहा है कि एनसीईआरटी पाठ्य पुस्तकों में बदलाव तथा परीक्षा केंद्र में समय जाया होने के लिए दिए गए कृपांक विद्यार्थियों के अधिक अंक आने की वजह हैं।

मुद्दे का सियासी रंग
दरअसल, इस मुद्दे ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है. आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाए हैं. आम आदमी पार्टी ने कथित अनियमितताओं की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की है. वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पर्चा लीक, धांधली और भ्रष्टाचार कई परीक्षाओं का अभिन्न अंग बन गए हैं. पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर युवाओं को धोखा देने और उनके भविष्य से खेलने का भी आरोप लगाया है. महाराष्ट्र सरकार ने पिछले महीने हुई नीट-यूजी को तत्काल रद्द करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि नतीजों में राज्य के छात्रों के साथ अन्याय हुआ है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने सीबीआई जांच की मांग की है।

क्यों मचा है बवाल
बता दें कि चारों तरफ से नीट यूजी की परीक्षा फिर से कराने की मांग की जा रही है. आरोप लगाया गया है कि छह परीक्षा केंद्रों पर वक्त जाया होने की भरपाई के लिए दिए गए कृपांक (ग्रेस मार्क) के कारण अंक बढ़ गए हैं जिससे अन्य अभ्यर्थियों के अवसर प्रभावित हुए हैं. ये केंद्र मेघालय, हरियाणा के बहादुरगढ़, छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और बालोद, गुजरात के सूरत और चंडीगढ़ में हैं. मेडिकल प्रवेश परीक्षा का परिणाम चार जून को घोषित किया गया था. उसके बाद से अभ्यर्थी अनियमितताओं सहित कई आरोप लगाते हुए नए सिरे से परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं. परीक्षा में 67 अभ्यार्थियों ने पहला स्थान प्राप्त किया था, जिनमें से छह हरियाणा के एक ही केंद्र से थे. इस वर्ष परीक्षा के लिए रिकॉर्ड 24 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था।

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